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कागजों में दफन संरक्षा के इंतजाम, धंसी सड़कें बारिश ने खोली पोल

एडीए ने इंडियन रोड कांग्रेस की उड़ाई धज्जि्यां। मानसून बारिश के दौरान एई और जेई ने नहीं किया निरीक्षण। अनुबंध का पालन कराने में एडीए अफसर नाकाम।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 01:24 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 01:24 PM (IST)
कागजों में दफन संरक्षा के इंतजाम, धंसी सड़कें बारिश ने खोली पोल
कागजों में दफन संरक्षा के इंतजाम, धंसी सड़कें बारिश ने खोली पोल

आगरा(जागरण संवाददाता): सिक्कों की खनक से एडीए अफसर अपनी ड्यूटी ही भूल गए। न मरम्मत की याद रही और न ही संरक्षा की। कागजों में ही संरक्षा के इंतजाम दफन हो गए। मानसून बारिश के दौरान इस साल सहायक अभियंता (एई) और अवर अभियंता (जेई) ने एक बार भी निरीक्षण नहीं किया। यहां तक अनुबंध की शर्तो का भी पालन नहीं करा सके।

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इनर ¨रग रोड का पहला चरण नेशनल हाईवे टू को फतेहाबाद रोड से जोड़ता है। इंडियन रोड कांग्रेस की गाइड लाइन के हिसाब से संरक्षा के इंतजाम जरूरी हैं। अगर यह इंतजाम पूरे नहीं होते हैं तो निर्माणदायी एजेंसी व विभाग पर जुर्माना भी लग सकता है। टोल रोड होने पर यह जिम्मेदारी कंपनी व एडीए की है, लेकिन एडीए अफसरों ने हद दर्जे की लापरवाही बरती। दो साल में तीन से चार बार ही निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण भी कुछ क्षेत्र में किए गए। कागजों में सब कुछ ठीक ठाक दिखाया गया। यही वजह है कि इस मानसून की बारिश में रोड धंस गई।

एई अजय निलंबित, मुख्य अभियंता पर कार्रवाई की तैयारी:

शासन ने शनिवार शाम एडीए उपाध्यक्ष राधेश्याम मिश्रा की रिपोर्ट पर एई अजय पवार को निलंबित कर दिया। वहीं तत्कालीन मुख्य अभियंता शिवराज सिंह पर शिकंजा कस रहा है। वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनकी पेंशन रोकी जा सकती है।

इनर ¨रग रोड में यह नहीं हुए इंतजाम:

- इनर ¨रग रोड पर जल निकासी के सही तरीके से इंतजाम नहीं है।

- नाली पर सिल्ट जमा है और पत्थर व मिट्टी के बोरे से इसे बंद कर दिया गया है।

- साइनेज व वार्निग लाइट नियमित दूरी पर नहीं लगाई गई हैं।

- नियमित अंतराल पर रिफ्लेक्टिव टेप नहीं लगाए गए हैं।

- प्राथमिक उपचार की व्यवस्था के लिए निर्धारित स्थलों पर एंबुलेंस का न होना

न्यू दक्षिणी बाइपास के धंसने की जांच के आदेश:

न्यू दक्षिणी बाइपास रोड के चौबीस घंटे के भीतर दो बार धंसने की जांच होगी। मंडलायुक्त के. राम मोहन राव ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआइ), आगरा खंड के परियोजना निदेशक वाईडी विदुवा से रिपोर्ट मांगी है। उधर, शनिवार दोपहर रोड की मरम्मत के नाम पर रस्म अदायगी की गई। सिर्फ लालऊ पुल के पास गुरुवार को धंसी रोड की मरम्मत की गई। बाकी स्थलों को यूं ही छोड़ दिया गया।

न्यू दक्षिणी बाइपास का निर्माण दो साल पूर्व हुआ है। बाइपास नेशनल हाईवे टू, रुनकता से ग्वालियर रोड को जोड़ता है। इसकी लंबाई 32 किमी है। बारिश के चलते रोड के किनारे मिट्टी का कटाव हो गया है। लालऊ पुल के पास दोनों तरफ की लेन धंस चुकी है। रोड चार लेन है। रांग साइड से ट्रैफिक गुजर रहा है। एनएचएआइ की हीलाहवाली के चलते अभी तक पूरी रोड की मरम्मत नहीं हुई है। शनिवार दोपहर तीन कर्मचारी पहुंचे। जिस जगह रोड धंसी थी, उस जगह जेसीबी से मरम्मत की गई। लालऊ पुल के पास दूसरी साइड की लेन की मरम्मत नहीं की गई। न ही टूटी हुई रेलिंग को हटाया गया। जिन स्थलों पर गहरे गड्ढे हो गए हैं, उसे भी नहीं ढका गया। मंडलायुक्त के. राम मोहन राव ने बताया कि दो साल पूर्व बनी रोड किस तरीके से धंस गई। इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं।

पाइप टूटने से धंस रहा था भगवान टाकीज भूमिगत नाला:

नगर निगम की टीम ने भगवान टाकीज सर्विस रोड के धंसने की वजह खोज ली है। तीस साल पुराने भूमिगत नाले के सीमेंट के पाइप जगह-जगह से टूट गए थे। इसी के चलते बारिश में नाला धंस रहा था।

भगवान टाकीज से अबुल उल्लाह की दरगाह तक सर्विस रोड है। भूमिगत नाला तीस साल पुराना है। पाइप का व्यास 900 एमएम है। पांच साल के भीतर दर्जनभर से अधिक बार नाला धंस चुका है। इस मानसून में दो बार नाला धंस चुका है। जिस पर सर्विस रोड को बंद कर दिया गया है। शनिवार दिनभर पोकलेन मशीन से नाले की खोदाई चली। शाम तक 52 मीटर तक गहरी खोदाई हुई। निगम के मुख्य अभियंता तरुण शर्मा ने बताया कि 150 मीटर लंबे भूमिगत नाले के पाइप बदले जाएंगे। पाइप पूरी तरह से खराब हो चुके हैं।

कौशलपुरी के पास मंदिर का फर्श धंसा, लोग बचे:

कौशलपुरी के भूमिगत नाले पर स्थित एक मंदिर का फर्श शनिवार शाम धंस गई। बड़ा हादसा होने से टल गया। फर्श धंसने की सूचना पर नगर निगम की टीम पहुंच गई। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि मंदिर नाले के ठीक ऊपर बना हुआ है। नाला चालीस साल पुराना है।


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