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Visit of Trump: ताजनगरी में कैसे होगी निगरानी, 'तीसरी आंख है कानी' Agra News

ताजगंज प्रोजेक्ट के तहत ताजमहल के मार्गों में लगाए गए थे 140 सीसीटीवी कैमरे अधिकांश खराब।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 09:44 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 09:44 AM (IST)
Visit of Trump: ताजनगरी में कैसे होगी निगरानी, 'तीसरी आंख है कानी' Agra News
Visit of Trump: ताजनगरी में कैसे होगी निगरानी, 'तीसरी आंख है कानी' Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजगंज प्रोजेक्ट के तहत ताजमहल के मार्गों में लगे 140 सीसीटीवी कैमरे पिछले साल से खराब हैं। प्रोजेक्ट हैंडओवर न होने की वजह से इनकी मरम्मत भी नहीं हो पा रही। ये हाईटेक कैमरे शोपीस बने हुए हैं। ये लापरवाही 24 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्तावित दौरे के दौरान भी बरती जा रही है। इन कैमरों को चालू करने की ओर किसी का ध्यान नहीं है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जा रहे हैं। खेरिया हवाई अड्डे से ताजमहल तक पांच हजार से अधिक जवान सुरक्षा की कमान संभालेंगे। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर होगी। मगर, ताजमहल के साये में ही लापरवाही बरती जा रही है। वर्ष 2016 में ताजगंज प्रोजेक्ट के तहत ताजमहल के मार्गों में 140 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इनका उद्घाटन किया था। कुछ महीने तो ये ठीकठाक चले लेकिन रखरखाव के अभाव में ये कबाड़ होते गए। स्थिति यह है कि वर्तमान में अधिकांश कैमरे बंद हो चुके हैं। ऐसे में ट्रंप के दौरे के दौरान ताजमहल के आसपास के क्षेत्र में निगरानी में अड़चन खड़ी हो सकती है।

नहीं हो सके हैंडओवर

ताजगंज प्रोजेक्ट को राजकीय निर्माण निगम ने पूरा किया। इसके बाद इस प्रोजेक्ट के तहत किए गए कार्य अलग-अलग विभागों को हैंडओवर कर दिए गए। साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम और मरम्मत का कार्य आगरा विकास प्राधिकरण को दिया गया। सीसीटीवी और कंट्रोल रूम पुलिस विभाग के हवाले होना था। मगर, सर्वर और सीसीटीवी खराब होने की स्थिति में पुलिस विभाग ने इन्हें नहीं लिया। इसके लिए पर्यटन विभाग लगातार शासन को पत्र लिखा है।

ये है खास

- 09 पीपीजेड कैमरे: यह 360 डिग्री के कोण पर घूमने और जूम करने वाले हैं।

- 10 केएनपीआर कैमरे: यह ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग कर सकते हैं।

बोलर्ड और बूम भी बने शोपीस

ताजमहल के पूर्वी गेट, पाठक प्रेस रोड और पश्चिमी गेट रोड पर हाइड्रोलिक बोलर्ड और बूम बैरियर भी लगाए गए थे। मगर, सर्वर खराब होने की वजह से ये भी कंट्रोल नहीं हो पा रहे हैं। इनका प्रयोग स्मारक की ओर बढ़ते संदिग्ध वाहनों को रोकने के लिए किया जाना था। इनका कंट्रोल भी वन विभाग कार्यालय के सामने कंट्रोल रूम में है। मगर, सर्वर खराब होने की वजह से इनकी कनेक्टिविटी नहीं हो पा रही।  


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