एपीआइ के लिए शिक्षकों को ठेके पर सर्टिफिकेट
जागरण संवाददाता, आगरा: डिग्री कॉलेज में प्राचार्य पद के आवेदन के लिए ठेके पर सर्टिफिकेट
जागरण संवाददाता, आगरा: डिग्री कॉलेज में प्राचार्य पद के आवेदन के लिए ठेके पर सर्टिफिकेट तैयार किए गए हैं। एकेडमिक परर्फोमेंस इंडीकेटर (एपीआइ) के 400 अंकों के लिए शिक्षकों के नाम से रातों रात रिसर्च पेपर और बुक पब्लिश हो गई। उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ (फुपुक्टा) ने उच्चतर सेवा चयन आयोग में शिकायत की है।
उच्चतर सेवा चयन आयोग द्वारा प्राचार्यो के खाली पद के लिए 31 जुलाई तक आवेदन मांगे गए थे। फॉर्म की हार्ड कॉपी 31 अगस्त तक आयोग में भेजनी थी। प्राचार्य पद के आवेदन के लिए एपीआइ के 400 अंक अनिवार्य हैं। इसमें 900 घंटे अध्यापन कार्य, लिखने और पढ़ने के साथ ही रिसर्च पेपर और बुक पब्लिशिंग के अलग-अलग अंक हैं। इन सभी को मिलाकर 400 अंक होने चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, एपीआइ के लिए रिसर्च पेपर और बुक पब्लिश कराने के लिए रैकेट सक्रिय है। इसके द्वारा 5 से 10 हजार रुपये में जर्नल में रिसर्च पेपर और 10 से 15 हजार रुपये में बुक पब्लिश कराने का ठेका ले शिक्षकों के नाम से जर्नल में रिसर्च पेपर छपवा दिए, उन्हें प्रति भी दे दी, जिसे वे आवेदन में लगा सकें।
क्लास में नहीं आते और पब्लिश हो रहे पेपर
आगरा सहित आसपास के जिलों के तमाम कॉलेजों में शिक्षक क्लास में पढ़ाने नहीं जाते हैं। उनके नाम से रिसर्च पेपर पब्लिश हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, फीरोजाबाद के रैकेट ने रिसर्च पेपर और बुक पब्लिश कराने का ठेका लिया है।
-एपीआइ का विरोध किया जा रहा है। इसकी अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए। इसके अंक के लिए फर्जी सर्टिफिकेट तैयार हो रहे हैं। जगह-जगह रिसर्च पेपर पब्लिश कराने की दुकानें खुल गई हैं, इसकी आयोग में शिकायत की गई है।
डॉ. वीरेंद्र चौहान, अध्यक्ष फुपुक्टा।