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Mukhtar Ansari: बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी काे नहीं मिली राहत, आगरा अदालत में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र खारिज

बांदा जेल में बंद मुख्‍तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई पेशी नहीं मिली राहत डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र खारिज। अब 30 सितंबर को तय होंगे आरोप। आरोप तय होने के बाद शुरू होगी गवाही की प्रक्रिया उन्मोचित प्रार्थना पत्र पर 14 को हुई थी बहस।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 05:57 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 05:57 PM (IST)
Mukhtar Ansari: बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी काे नहीं मिली राहत, आगरा अदालत में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र खारिज
मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ आगरा की अदालत में एक और मुकदमा चलेगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। बांदा में जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को 22 साल पुराने मामले में राहत नहीं मिल सकी। अंसारी ने अपने खिलाफ लगाए चार्ज को डिस्चार्ज करने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर 14 सितंबर को बचाव पक्ष और अभियाेजन के बीच बहस हुई थी। बुधवार को अंसारी की विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई। अदालत ने अंसारी के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। मुकदमे में अगली तारीख अब 30 सितंबर नियत की है। जिसमें अंसारी के खिलाफ आरोप तय होंगे। जिसके बाद गवाही की प्रक्रिया शुरू होगी।

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मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। वह वर्ष 1999 में सेंट्रल जेल में निरुद्ध था। उसकी बैरक में 18 मार्च 1999 को पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने छापा मारा था। वहां से मोबाइल और बुलेट प्रूफ जैकेट मिली थी। उक्त मामले में जगदीशपुरा थाने में अंसारी के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने अंसारी के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी।

अंसारी की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर 14 सितंबर को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट में उसके अधिवक्ता प्रकाश नारायण शर्मा ने बहस की थी। अधिवक्ता ने कहा कि अंसारी से कोई मोबाइल बरामद नहीं हुआ। डीएम और एसएसपी ने शासन के इशारे पर दूसरे व्यक्ति का मोबाइल रख दिया था। वहीं, बुलेट प्रूफ जैकेट जेल से अदालत जाते समय सुरक्षा के लिए पहनी थी। वहीं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शर्मा ने विरोध करते हुए कहा था कि मुख्तार अंसारी एक बहुत की कुख्यात, शातिर व बाहुबली विधायक है। जेल से आपराधिक गतिविधियां फाेन द्वारा संचालित कर जा रही थीं। अदालत ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद 22 सितंबर की तारीख नियत की थी।

बुधवार को अंसारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट नीरज गौतम ने अंसारी की ओर से प्रस्तुत डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र को खारिज करने के आदेश दिए। मुकदमे में अगली सुनवाई अब 30 सितंबर नियत की गई है। जिसमें अंसारी पर आरोप तय होंगे। जिसके बाद मुकदमे में गवाही की प्रक्रिया शुरू होगी।


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