और चाहर बन गए सीकरी के 'राजकुमार', जानिए कैसे रचा जीत का इतिहास
हर मोर्चे पर तय की गई थी सियासी रणनीति। व्यक्तिगत पहचान मोदी के नाम ने पहनाई जीत की माला।
आगरा, विनीत मिश्र। सियासत की पगडंडी पर बार- बार लखनऊ पहुंचने में नाकाम रहे राजकुमार चाहर आखिर सीधे दिल्ली पहुंच गए। राजकुमार के रास्ते सीकरी में फिर से कमल खिलाने के लिए भाजपा ने भी यहां कम कवायद नहीं की। चाहर की व्यक्तिगत पहचान और भाजपा-मोदी के नाम ने उन्हें सीकरी का 'राजकुमार' बना दिया।
बीहड़, बटेश्वर, चंबल, यमुना और अकबर के महल के लिए अलग पहचान रखने वाली फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में इस बार भाजपा ने सधे हुए अंदाज में अपना सियासी कार्ड खेला। बीते चुनाव में भाजपा की टिकट पर करीब पौने दो लाख वोटों से जीत दर्ज कराने वाले चौधरी बाबूलाल का इस बार कुछ विरोध दिखा, तो भाजपा ने उनका टिकट काटने में कोई संकोच नहीं किया। जाट बाहुल्य इस लोकसभा क्षेत्र में बाबूलाल का सजातीय वोटर नाराज न हो जाए, इसलिए जाट बिरादरी से ही ताल्लुक रखने वाले राजकुमार चाहर पर दांव लगाया। बाबूलाल का नाराज होना लाजिमी था मगर पार्टी ने उन्हें अलग नहीं होने दिया। सर्किट हाउस के बंद कमरे में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बात कर बाबूलाल के गुस्सा को ठंडा कर दिया। पूर्व में इस क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके राजकुमार चाहर विभिन्न दलों से मैदान में रहे, तो निर्दलीय भी अपनी ताकत दिखाई। लखनऊ पहुंचने में असफल रहे चाहर ने एकदम से दिल्ली की छलांग लगा दी।
इस जीत के कई आधार रहे। सबसे बड़ा फायदा राजकुमार को स्थानीय होने का मिला। गठबंधन से मैदान में आए श्रीभगवान शर्मा क्षेत्र के लिए नए थे। कांग्र्रेस प्रत्याशी राज बब्बर ने जरूर एक चुनाव लड़ा, जिसमें वो बसपा प्रत्याशी सीमा उपाध्याय से हार गए थे। इसके बाद उनका क्षेत्र से ज्यादा ताल्लुक नहीं रहा। इसका फायदा सीधे राजकुमार चाहर को मिला। दूसरे, जिस क्षेत्र में जिस बिरादरी के वोट अधिक थे, वहां पर भी राजकुमार ने बड़े नेताओं की सभा कर उन्हें साधा। बसपा से पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय और पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की चुप्पी भी राजकुमार के लिए फायदेमंद रही। सियासी समीकरणों को हर मोर्चे पर अपने पक्ष में कर लेने के कारण ही राजकुमार ने मतगणना के पहले ही राउंड में बढ़त बना ली। और ये बढ़त अगले राउंड में कम नहीं होने दी। फिल्म अभिनेता से नेता बने राज बब्बर चूंकि खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे, इसलिए उन पर भी दो लाख से भी अधिक मतों से जीत ने राजकुमार का कद भी पार्टी के अंदर बढ़ाया है।
फतेहपुर सीकरी लोकसभा का ब्यौरा
2019
राजकुमार चाहर -भाजपा- 667147
राजबब्बर -कांग्र्रेस-172082
श्री भगवान शर्मा-बसपा -168043
नवाब गुल चमन शेरवानी-वंचित समाज इंसाफ पार्टी- 2199
मनीषा सिंह- प्रसपा- 1040
विजय सिंह धनगर-राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी- 1808
सत्येंद्र बघेल-आम जनता पार्टी- 965
सर्वेश कुमार- भारतीय मजदूर जनता पार्टी- 822
शादाब नूर-आदर्श समाज पार्टी- 621
अनिल कुमार कुशवाहा-निर्दलीय-1443
आरती शर्मा-निर्दलीय-994
पास्टर थामसन मैसी- निर्दलीय-1103
नरेश कुमार-निर्दलीय -1581
पुरुषोत्तम दास-निर्दलीय-3429
राम बहोरी-निर्दलीय-3182
नोटा-10692
हर विस में चाहर ने मारी बाजी
आगरा ग्र्रामीण
राजकुमार चाहर भाजपा 146119
राजबब्बर कांग्रेस 31810
श्री भगवान शर्मा बसपा 67158
मनीषा सिंह प्रसपा 206
फतेहपुर सीकरी
राजकुमार चाहर भाजपा 147850
राजबब्बर कांग्रेस 42818
श्री भगवान शर्मा बसपा 34704
मनीषा सिंह प्रसपा 168
खेरागढ़
राजकुमार चाहर भाजपा 123803
राजबब्बर कांग्रेस 40249
श्री भगवान शर्मा बसपा 20985
मनीषा सिंह प्रसपा 230
फतेहाबाद
राजकुमार चाहर भाजपा 137681
राजबब्बर कांग्रेस 29604
श्री भगवान शर्मा बसपा 18011
मनीषा सिंह प्रसपा 141
बाह
राजकुमार चाहर भाजपा 106898
राजबब्बर कांग्रेस 26341
श्री भगवान शर्मा बसपा 26279
मनीषा सिंह प्रसपा 279
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