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Good governance: अब आंबेडकर विवि में टूटेगा कर्मचारियों का चक्रव्यूह

अंकतालिकाओं को लेकर आ रही शिकायतों के बाद गंभीर हुआ विवि प्रशासन। विवि की छवि सुधारने को बनाई जा रही कार्य योजना। अंकतालिकाएं सीधे पहुंचाई जाएंगी कालेजों में।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 09:06 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 09:06 AM (IST)
Good governance: अब आंबेडकर विवि में टूटेगा कर्मचारियों का चक्रव्यूह
Good governance: अब आंबेडकर विवि में टूटेगा कर्मचारियों का चक्रव्यूह

आगरा, प्रभजोत कौर। डा. भीमराव आंबेडकर विवि में कर्मचारियों के कथित 'वर्चस्व' को तोड़ने की तैयारी की जा रही है। लगातार मिल रही शिकायतों को लेकर विवि प्रशासन बेहद गंभीर है। कुछ कर्मचारियों के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। कोशिश है कि अंकतालिका सहित अन्य जरूरी कागजात के लिए अब विद्यार्थियों को विवि के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। विवि की छवि सुधारने के लिए यह कार्य योजना तैयार की जा रही है।

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आंबेडकर विवि में वैसे तो शिकायतों और समस्याओं का अंबार है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यहां अंकतालिकाओं को लेकर है। विद्यार्थी रिजल्ट निकलने के बाद अपनी मार्कशीट के लिए विवि के बाबूओं के पास चक्कर ही लगाते रह जाते हैं। अगर गलती से अंकतालिका में कोई गलती निकल आए तो इन चक्करों की संख्या थोड़ी ज्यादा हो जाती है। विवि में कर्मचारियों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क है, इस नेटवर्क के लोग पूरे विवि में घूमते रहते हैं।जैसे ही कोई भी विद्यार्थी अपनी समस्या लेकर विवि में पहुंचता है, यही लोग उन्हें संबंधित विभाग में लेकर जाते हैं।इसमें विद्यार्थी काफी परेशान हो जाते हैं। दूसरे शहरों से आने वाले विद्यार्थियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

शुक्रवार को ऐसा ही एक मामला सीधा कुलपति और परीक्षा नियंत्रक के सामने आया। यहां से 2013 में बीएड करने वाले एक पीएसी का सिपाही ने अपनी शिकायत दर्ज कराई। सिपाही का कहना था कि वर्तमान में उसकी पोस्टिंग मुरादाबाद में है। कई बार अपनी मार्कशीट के लिए विवि के चक्कर काट चुका है। शुक्रवार को भी छुट्टी लेकर वो अपनी मार्कशीट लेने आया था लेकिन बाबू ने दो-दो घंटे कर पूरा दिन निकाल दिया। इस पर परीक्षा नियंत्रक डा. राजीव कुमार ने सिपाही की एप्लीकेशन ली और मंगलवार को आकर अंकतालिका ले जाने को कहा।

कॉकस को तोड़ने की कार्ययोजना

परीक्षा नियंत्रक डा. राजीव कुमार ने बताया कि हर साल सभी कोर्सेज की लगभग साढ़े पांच लाख अंकतालिकाएं तैयार होती हैं। जो पटल प्रभारियों के पास जाती हैं, वहां से कालेजों में पहुंचती है। अब सिस्टम में बदलाव किया जाएगा। अंकतालिकाएं तैयार होने के बाद पटल प्रभारियों को परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में बुलाकर चार्ट से मिलान कराकर, उनके हस्ताक्षर ले लिए जाएंगे। अंकतालिकाओं को यहीं से कालेजों में भेजा जाएगा। दूसरे जिलों के कालेजों में डाक या विवि की गाड़ी द्वारा अंकतालिकाएं भेजी जाएंगी। छलेसर कैंपस में कैंप लगाकर अंकतालिकाएं कालेजों के प्रतिनिधियों को देने की योजना है। स्थानीय कालेजों को विवि परिसर से ही अंकतालिकाएं दी जाएंगी।


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