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Ambedkar University Agra: दूसरे शहरों से आए विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बना विवि, बाबू मांगते हैं ये सबूत

Ambedkar University Agra बाबू विद्यार्थियों से मांगते हैं कालेज जाने का सबूत। 600 दिन से लंबित है आवेदन दूसरे शहर के विद्यार्थी हुए परेशान। विश्वविद्यालय प्रशासन कराएगा आवेदनों पर लगीं आपत्तियों की जांच। डिग्री विभाग का कहना विद्यार्थियों को होने वाले परेशानियों को जल्द दूर होंगी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 12:42 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 12:42 PM (IST)
Ambedkar University Agra: दूसरे शहरों से आए विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बना विवि, बाबू मांगते हैं ये सबूत
डिग्री विभीग की लापरवाही से हो रही है विद्यार्थियों को परेशाी। फाइल फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में डिग्री के लिए आए आवेदनों पर लगी आपत्तियां इतनी अनोखी होती हैं कि विद्यार्थी हैरान और परेशान हो जाते हैं।प्रयागराज के अरुण कुमार यादव का 632 दिन, चंदौली के अखिलेश कुमार सिंह का 608 दिन,ओमप्रकाश महावन का 614 दिन, बाराबंकी के आलोक कुमार तिवारी का 599 दिन से आवेदन लंबित है। इन सभी से सालों पहले जिस कालेज से पढ़ाई पूरी की थी, अब उसी कालेज से अपने पढ़ने का सबूत लाने को कहा गया है। यह सभी छात्र सालों से अपने शहर और विश्वविद्यालय के बीच चक्कर काट कर परेशान हो चुके हैं।

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सबसे ज्यादा परेशान दूसरे शहरों के विद्यार्थी

नोएडा से प्रवीण वर्मा, शमलाबाद से जगजीत सिंह, बंगलूरू से सना, नई दिल्ली से खुश्बू, नई दिल्ली से ही आशीष मोसेस हो सादाबाद से बेबी अंजुम, इन सभी के आवेदन सालों से विश्वविद्यालय के विभागों में आपत्तियों के नीचे दबे हुए हैं।नोएडा के अनुज कुमार का 313 दिन से, सीमा गोस्वामी का 533 दिन, सीतापुर के मनोज कुमार का 530 दिन, मैनपुरी की नीलम पाल का 411 दिन,हाथरस के दीपक गुप्ता का 285 दिन, श्याम कुमार का 530 दिन,एटा के अजय कुमार शाक्य का 509 दिन से आवेदन चार्ट रूम में लंबित है।इन सभी से कालेजों के पत्र मांगे गए हैं।

कालेज जाएं या डिग्री की आपत्तियां दूर कराएं

अपनी डिग्री की आपत्तियों को दूर कराने के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काट रहे अजय कुमार का कहना था कि विभागों में बाबू बहुत ज्यादा परेशान करते हैं। कालेज से पत्र लाने को कह रहे हैं, 13 साल पहले का रिकॉर्ड कालेज से निकालना इतना आसान है क्या? मनोज कुमार का कहना था कि सब्र का बांध टूट चुका है, बहुत ज्यादा परेशान हो चुका हूं।अपने शहर से पहले यहां डिग्री के लिए आएं, फिर अपने कालेज जाएं।

आवेदनों पर लगी आपत्तियों की जांच कराई जाएगी। विद्यार्थियों को होने वाले परेशानियों को जल्द से जल्द दूर कराने के लिए हम प्रयासरत हैं।

- प्रो. अनिल वर्मा, प्रभारी., डिग्री विभाग 


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