आंबेडकर जयंती पर गूंजा सुशिक्षित बनो, संगठित रहो का संदेश
चक्कीपाट से निकाली गई शोभायात्रा फाइबर के हाथी पर विराजमान थी डा. आंबेडकर की प्रतिमा
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर की 130वीं जयंती पर बुधवार को ताजनगरी में सुशिक्षित बनो और संगठित रहो का संदेश गूंजा। नाला काजीपाड़ा से निकाली गई शोभायात्रा में डा. आंबेडकर के जीवन से संबंधित और शिक्षाप्रद करीब दो दर्जन झांकियां शामिल रहीं। फाइबर के हाथी पर विराजमान डा. आंबेडकर की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र रही।
आंबेडकर पार्क, बिजलीघर स्थित डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर राज्य मंत्री डा. जीएस धर्मेश और डा. आंबेडकर जयंती एवं भीमनगरी समारोह केंद्रीय समिति के पदाधिकारियों ने माल्यार्पण किया। बुधवार दोपहर चक्कीपाट से निकाली गई शोभायात्रा में कटरा गड़रियान, काजीपाड़ा, और आंबेडकर पार्क बिजलीघर से निकाले गए फाइबर के हाथियों पर डा. आंबेडकर की प्रतिमाएं विराजमान थीं। चक्कीपाट बाजार में बने केंद्रीय समिति के मंच पर डा. आंबेडकर की प्रतिमा की आरती राज्य मंत्री डा. जीएस धर्मेश ने उतारी। शोभायात्रा में दो दर्जन झांकियां शामिल थीं। झांकियों में डा. आंबेडकर के आदर्शों का पालन करने के साथ ही शिक्षाप्रद संदेश दिए गए थे। कोरोना संक्रमण से बचाव का संदेश भी झांकी में दिया गया था। जगह-जगह मंचों पर भीमनगरी के पदाधिकारियों का स्वागत हुआ। रात आठ बजे के बाद शोभायात्रा रामलीला मैदान में बनाई गई भीमनगरी पहुंची। यहां मंच पर डा. आंबेडकर की प्रतिमा को विराजमान किया गया। केंद्रीय समिति के अध्यक्ष भरत सिंह पिप्पल, संरक्षक करतार सिंह भारतीय, धर्मेंद्र सोनी, अशोक पिप्पल, दिनेश भारत, श्याम जरारी, एसबी दिनकर, संतोष अंबेश, आशीष प्रिस आदि मौजूद रहे। पढ़-लिखकर बनाएं पहचान
राज्य मंत्री डा. जीएस धर्मेश ने कहा कि डा. भीमराव आंबेडकर का सपना था कि अनुसूचित जाति और पिछडे़ वर्ग के लोग पढ़-लिखकर संगठित हों। समाज आगे बढ़े और अपनी पहचान बनाए। भरत सिंह पिप्पल ने कहा कि हमें डा. आंबेडकर के बताए मार्ग पर चलकर आगे बढ़ना चाहिए। दूसरी बार दोपहर में हुआ आयोजन
वर्ष 1957 से निकाली जा रही शोभायात्रा में यह दूसरा अवसर है जब शोभायात्रा दोपहर में निकाली गई। इससे पूर्व वर्ष 1979 में दोपहर में शोभायात्रा निकाली गई थी। यहां से गुजरी शोभायात्रा
शोभायात्रा चक्कीपाट से शुरू होकर शिवाजी मार्केट, बिजलीघर चौराहा, जौहरी बाजार, रावतपाड़ा, मदीना होटल, जामा मस्जिद, पीपल मंडी, काला महल, गुदड़ी मंसूर खां, घटिया आजम खां, फुलट्टी, सेब का बाजार, फव्वारा चौक, कोतवाली, हींग की मंडी, सदर भट्टी, एमजी रोड, डीएम आवास, ईदगाह, नामनेर, साईं का तकिया, जिला अस्पताल, औलिया रोड, छीपीटोला, बुद्ध विहार, बस स्टैंड, गोल चौराहा होते हुए रामलीला मैदान में सजाई गई भीमनगरी पहुंची। शारीरिक दूरी का नहीं हुआ पालन
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के चलते जारी गाइडलाइन का शोभायात्रा में पालन नहीं हुआ। बहुत से लोग बिना मास्क के चल रहे थे। शारीरिक दूरी का भी लोगों ने ध्यान नहीं रखा। भीमनगरी महोत्सव आज से
रामलीला मैदान में बनाए गए मंच पर तीन दिवसीय भीमनगरी महोत्सव की शुरुआत गुरुवार से होगी। गुरुवार शाम भीमनगरी का उद्घाटन व गोष्ठी, शुक्रवार शाम दहेज रहित आदर्श सामूहिक विवाह और शनिवार शाम मेधावियों का सम्मान होगा। देश से ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाया
जाटव समाज उत्थान समिति ने बाबू जगजीवन राम पार्क पुस्तकालय, फतेहाबाद रोड पर आंबेडकर जयंती मनाई। संयोजक देवकीनंदन सोन ने कहा कि डा. आंबेडकर ने देश से ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाने की कसम खाई थी और वो इसमें सफल भी हुए। बंगाली बाबू सोनी, रूपसिंह सोनी, डा. मनोज पिप्पल, भोलू सिंह, मानिकचंद, महेंद्र सिंह, परमजीत सिंह, तुलसीदास आदि मौजूद रहे। संविधान के मूल मंत्र को क्षति पहुंचा रही भाजपा
शहर कांग्रेस कमेटी ने छीपीटोला स्थित सामुदायिक भवन में आंबेडकर जयंती मनाई। शहर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार चिल्लू ने कहा कि डा. आंबेडकर ने देश में सामाजिक-राजनीतिक समरसता, देश के लोकतंत्र व न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए संविधान बनाया था। भाजपा संविधान को तहस-नहस करने की नीति पर काम कर रही है। कांग्रेस के पश्चिमी उप्र व्यापार प्रकोष्ठ के चेयरमैन विनोद बंसल ने कहा कि यदि नई शिक्षा नीति लागू हो गई तो देश का नौजवान केवल पकौड़ा, पान, चाय, साइकिल पंक्चर की दुकान तक सीमित रह जाएगा। हाजी जमीलुद्दीन कुरैशी, अशोक शर्मा, नंदलाल भारती, सीएम पाराशर, विनोद जरारी, अजहर वारसी, आइडी श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। 51 किग्रा का केक काटा
आंबेडकर जयंती पर भीमेश्वर जगतारा विकास समिति, शिवाजी मार्केट, बिजलीघर, काजीपाड़ा पर 51 किग्रा का केक काटा गया। आंबेडकर वाटिका पर आकर्षक सजावट की गई। राजेश पिप्पल, श्याम भोजवानी, नेमीचंद, ओमप्रकाश जगवानी, हेमंत गिदवानी, मनोज भाटिया, अनवार, राजकुमार आदि मौजूद रहे।