Move to Jagran APP

बेवजह प्लेटलेट्स चढ़ाने से एलोइम्युनाइजेशन

डेंगू के मरीजों में निजी अस्पतालों में चढ़ाई जा रहीं कई प्लेटलेट्स ठीक होने के बाद नहीं बढ़ रहे काउंट एसएन में भर्ती हो रहे मरीजों में सामने आई नई समस्या

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 10:02 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 10:02 PM (IST)
बेवजह प्लेटलेट्स चढ़ाने से एलोइम्युनाइजेशन
बेवजह प्लेटलेट्स चढ़ाने से एलोइम्युनाइजेशन

आगरा, जागरण संवाददाता । डेंगू के मरीजों के इलाज में प्लेटलेट्स हौवा बन गया है। ऐसे में प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार से नीचे पहुंचते ही मरीजों में कई रैंडम डोनर प्लेटलेट्स (आरडीपी) और सिगल डोनर एफरेसिस प्लेटलेट्स (एसडीपी, जंबो पैक) चढ़ाए जा रहे हैं। इससे एलोइम्युनाइजेशन की समस्या होने लगी है। डेंगू से ठीक होने के बाद भी प्लेटलेट्स का स्तर सामान्य (1 .50 से 4 लाख प्रति क्यूबिक मिलीलीटर) नहीं हो रहा है।

loksabha election banner

डेंगू के मरीज में तीसरे से पांचवें दिन के बीच प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार से नीचे पहुंच जाते हैं। सातवें दिन के बाद प्लेटलेट्स काउंट स्वत: बढ़ने लगते हैं और 10 से 15 दिन में सामान्य हो जाते हैं। मगर, डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने और मौत होने के बाद 50 हजार से कम काउंट होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाए जा रहे हैं। एसएन मेडिकल कालेज के डेंगू के नोडल अधिकारी डा. मृदुल चतुर्वेदी ने बताया कि ज्यादा प्लेटलेट्स चढ़ाने से एलोइम्युनाइजेशन हो रहा है। इसमें शरीर में प्लेटलेट्स के खिलाफ एंटीबाडीज बन जाती है और स्वत: प्लेटलेट्स बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसे सही होने में 20 से 30 दिन तक लग सकते हैं। इस तरह के केस बढ़ने लगे हैं। केस वन -एसएन मेडिकल कालेज के डेंगू वार्ड में निजी अस्पताल से दो साल के बच्चे को रेफर किया गया, उसे आरडीपी चढ़ाई गई थी। डेंगू से ठीक होने के बाद प्लेटलेट्स की जांच कराई गई, लेकिन काउंट नहीं बढ़ रहे हैं। केस टू -25 साल के बल्केश्वर निवासी मरीज का डेंगू का इलाज चला, इलाज के दौरान प्लेटलेट्स चढ़ाए गए। अब 10 दिन बाद भी प्लेटलेट्स काउंट 40 हजार से अधिक नहीं हुए हैं। सात से 10 दिन में शरीर में खत्म हो जाती हैं प्लेटलेट्स

एसएन के पैथोलाजी विभाग के डा. हरेंद्र कुमार ने बताया कि प्लेटलेट्स की हाफ लाइफ सात से 10 दिन होती है। हर रोज प्लेटलेट्स बनती हैं, सात से 10 दिन में यह खत्म हो जाती हैं। प्लेटलेट्स खून का थक्का जमाती हैं। इसलिए रक्तस्त्राव नहीं हो रहा है तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती है। प्लेटलेट्स कब चढ़ाए जाएं

-20 हजार से प्लेटलेट्स काउंट कम हों और शरीर पर चकत्ते पड़ जाएं, मरीज ठीक है, खा पी रहा है तो 20 से 10 हजार तक भी प्लेटलेट्स न चढ़ाएं। -नाक, मुंह, पेशाब के रास्ते ब्लीडिग होने लगे। हर रोज ब्लड बैंक से जारी किए जा रहे प्लेटलेट्स

आरडीपी -180 से 200

एसडीपी- 60 से 70 निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की डेंगू की रिपोर्ट और प्लेटलेट्स काउंट की जानकारी ली जा रही है। बेवजह प्लेटलेट्स न चढ़ाने के लिए कहा जा रहा है।

डा. अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.