बंदरों के मुखिया अल्फा पर टिकी नजर, जगह-जगह लगाए जाएंगे पिंजड़े
बंदरों के समूह के मुखिया को कहते हैं अल्फा, समूह चिन्हित कर लगाए जाएंगे पिंजडे़
आगरा (जागरण संवाददाता): हमलावर हो गए बंदरों को पकड़ने के लिए वाइल्ड लाइफ एसओएस अब जगह-जगह पिंजड़े लगाएगी। समूह बनाकर घूमने वाले अल्फा वाइल्ड लाइफ टीम के निशाने पर हैं। इन्हें चिन्हित किया जा रहा है।
शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में बंदरों का आतंक बढ़ गया है। दो दिन पहले रुनकता क्षेत्र में बंदर एक बच्चे को उसकी मां की गोद से छीन ले गया और मार दिया। इसके बाद बंदरों को लेकर प्रशासन और वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम उन्हें पकड़ने को लेकर फिर गंभीर हुई है। वाइल्ड लाइफ एसओएस अल्फा बंदरों को चिन्हित कर रहा है। अल्फा बंदरों के बड़े समूह के मुखिया को कहते हैं। पूरा समूह इसी अल्फा बंदर के इशारे पर चलता है। अब इन्हीं अल्फा बंदरों को पकड़ने के लिए एसओएस कवायद कर रही है। वाइल्ड लाइफ एसओेएस के निदेशक बैजूलाल ने बताया कि अभी रुनकता में इस तरह के समूह देखे गए हैं। स्थान चिन्हित कर ऐसे स्थानों पर पिंजड़े लगाए जाएंगे। उनका मानना अल्फा पूरा समूह लेकर चलता है और वह हमला भी कर देते हैं। ऐसे में यदि अल्फा को पकड़ लिया जाएगा, तो कुछ दिन के लिए उनका समूह तितर-बितर हो जाएगा।
ताजनगरी में मकाक मंकी व लंगूर
बैजूलाल ने बताया कि ताजनगरी में मकाक मंकी और लंगूर की प्रजाति ही पाई जाती है।
मनुष्य में हो सकता रैबीज
आइवीआरवाइ बरेली के वाइल्ड लाइफ सेंटर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. केके शर्मा ने बताया कि जंगलों में लाइन टेल मंकी पाए जाते हैं। इन बंदरों की पूछ लंबी होती है और इनमें धारी होती है। उनका कहना है कि बंदरों की बढ़ती संख्या खतरनाक है। उनसे मनुष्यों में रैबीज होने की संभावना बढ़ जाती है।