Akshay Tritiya 2020: टूटी पांच सदी पुरानी परंपरा, अब करना होगा बिहारी जी के चरणदर्शन का सालभर इंतजार
अक्षय तृतीया पर श्रद्धालु नहीं कर सके ठाकुर जी के दर्शन। साल में केवल एक बार ही ठाकुर जी के होते हैं चरण दर्शन।
मथुरा, जेएनएन। मोर मुकुट, कटि काछिनी, पीतांबर वस्त्रों पर सुनहरे श्रृंगार के साथ अक्षय तृतीया पर रविवार सुबह ठा. बांकेबिहारी ने चरण दर्शन दिए। आराध्य के चरण दर्शन को अक्षय तृतीया पर मंदिर श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार रहता था। लेकिन लॉकडाउन के चलते आज सन्नाटा पसरा रहा। न तो आराध्य के चरण दर्शन को उतावले भक्तों की भीड़ थी और न ही आराध्य के चरणों में पाजेब अर्पित करने वाली युवतियों की कतार। पिछले 500 वर्ष से अक्षय तृतीया पर यह परंपरा थी कि बांके बिहारी जी के चरणदर्शन कर भक्त निहाल होते रहे हैं। लेकिन इस बार पांच सदी पुरानी इतिहास बदल गया। जबकि साल में आज ही के दिन एक बार ही आराध्य अपने भक्तों को चरण दर्शन देते हैं। अब भक्तों को पूरा वर्ष अपने बिहारी के चरणदर्शन का इंतजार करना होगा।
अक्षय तृतीया पर तीर्थनगरी के हर मंदिर में चंदनयात्रा का पर्व मनाया गया। लेकिन भक्तों को दर्शन के लिए प्रवेश प्रतिबंधित था। ठा. बांकेबिहारी मंदिर को छोड़कर कई मंदिरों में ऑनलाइन भक्तों को दर्शन करवाए गए। ठा. राधारमण मंदिर में ठाकुरजी को चंदन की पोशाक धारण कराई गई, तो ठा. राधादामोदर मंदिर में ठाकुरजी ने चंदन लेपन कर सर्वांग दर्शन हुए। सप्तदेवालयों में भी ठाकुरजी ने चंदनलेपन करके सर्वांग दर्शन की झांकी सजी थी।
पाजेब दान करने की है परंपरा
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में अक्षयतृतीया पर पाजेब अर्पित करने की परंपरा है। सेवायत श्रीनाथ गोस्वमी बताते हैं कि विवाह योग्य युवतियां अगर इस दिन आराध्य के चरणों में पाजेब दान करती हैं तो उन्हें इसी साल में मनचाहा वर मिलता है और सुखी दांपत्य जीवन गुजारती हैं। हर साल दर्जनों युवतियां आराध्य के चरणों में पाजेब दान करती हैं।
चंदन लड्डू का बंटेगा प्रसाद
आराध्य बांकेबिहारी के चरणों में करीब सवा किलो चंदन का लड्डू अक्षयतृतीया पर अर्पित किया गया। जिसका प्रसाद बाद में भक्तों में बांटा जाएगा।
भोग में परोसा सत्तू
अक्षयतृतीया पर आराध्य बांकेबिहारीजी को राजभोग में सत्तू का विशेष रूप से भोग अर्पित किया गया। ठाकुरजी को सत्तू का भोग लगाने के बाद भक्तों में सत्तू प्रसाद बांटा जाता है।
इन मंदिरों में हुए ऑनलाइन दर्शन
अक्षय तृतीया पर सनेहबिहारी मंदिर में आराध्य के चरणदर्शन का आनलाइन प्रसारण मंदिर की वेबसाइट व फेसबुक पर किया गया। तो चंद्रोदय मंदिर, प्रियाकांतजू मंदिर की वेबसाइट पर भी आराध्य के सर्वांग दर्शन भक्तों को सुलभ हो सके। राधारमण मंदिर में चंदन की पोशाक धारण कराई गई। राधादामोदर, राधाश्यामसुंदर, गोविंददेव, गोपीनाथ, मदनमोहन, गोकुलानंद समेत अनेक मंदिरों में आराध्य के श्रीविग्रह का चंदनलेपन कर सर्वांग दर्शन की झांकी सजी। मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर में सर्वांग दर्शन हुए, तो वहीं प्राचीन केशव देव मंदिर में भक्तों को वाट्सएप पर वीडियो और फोटो डालकर दर्शन कराए गए।