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आगरा की अाबोहवा में आ रहा धीरे-धीरे सुधार, जानिए कैसी है अब वायु गुणवत्‍ता Agra News

आगरा में शुक्रवार को सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार 171 रहा एक्यूआइ। मानक के चार गुना से अधिक रही अति सूक्ष्म कणों की मात्रा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 09:16 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 09:16 AM (IST)
आगरा की अाबोहवा में आ रहा धीरे-धीरे सुधार, जानिए कैसी है अब वायु गुणवत्‍ता Agra News
आगरा की अाबोहवा में आ रहा धीरे-धीरे सुधार, जानिए कैसी है अब वायु गुणवत्‍ता Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता मध्यम स्थिति में रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार ताजनगरी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ)171 दर्ज किया गया। आगरा में वायु प्रदूषण के लिए अति सूक्ष्म कणों (पीएम2.5) की मात्रा बढ़ा होना जिम्मेदार रहा।

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सीपीसीबी द्वारा प्रतिदिन ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशनों पर एकत्र आंकड़ों के आधार पर विभिन्न शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाती है। आगरा में संजय प्लेस स्थित ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशन के अनुसार शुक्रवार को एक्यूआइ 171 रहा। यह गुरुवार के 142 से अधिक था। सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार वायु गुणवत्ता 0-50 तक रहने पर अच्छी, 51-100 तक रहने पर संतोषजनक और 101-200 तक रहने पर मध्यम रहती है। यहां अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा 277 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। यह मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के चार गुना से अधिक रहा। वहीं, कार्बन मोनोऑक्साइड की अधिकतम मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। यह मानक चार माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर का 25 गुना रही।

यह रही प्रदूषक तत्वों की स्थिति

प्रदूषक तत्व, न्यूनतम, अधिकतम, औसत

कार्बन मोनो-ऑक्साइड, 24, 100, 67

नाइट्रोजन डाइ-ऑक्साइड, 36, 91, 72

सल्फर डाइ-ऑक्साइड, 18, 54, 24

ओजोन, 4, 11, 6

अति सूक्ष्म कण, 107, 277, 170

टीटीजेड में प्रदूषण कम करने पर जोर

सबसे ज्‍यादा परेशान इस समय धूल कण कर रहे हैं। धूल कणों पर अंकुश लगाने के लिए ताज ट्रेपेजियम अथॉरिटी (टीटीजेड) का सबसे ज्‍यादा जोर है। समय-समय पर आगरा में कार्यरत संस्‍थाओं को निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं। निर्माण कार्यों पर पानी के छिड़काव कराने के आदेश हैं और शहर में कचरा जलाना भी प्रतिबंधित है। कुछ समय तो इन आदेशों का पालन हुआ, उसके बाद फिर वही ढाक के तीन पात।  


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