Air Action Plan: सरकार! अमल में कब लाओगे ताजनगरी का एयर एक्शन प्लान
Air Action Plan एक जून 2019 को किया गया था लांच। विभागों के लिए निर्धारित किए गए थे लक्ष्य।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में चार दिनों से वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ है। शहर देश और शहर के प्रदूषित शहरों में शुमार हो रहा है। अफसरों की सेहत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी के आदेश पर आगरा के लिए एक वर्ष से पूर्व जो एयर एक्शन प्लान लांच किया गया था, वो बातों से आगे नहीं बढ़ पाया, जबकि सरकार का दावा आगरा के प्लान को प्रदेश के लिए मॉडल बनाने का था।
आगरा का एयर एक्शन प्लान पिछले वर्ष एक जून को तत्कालीन मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय ने लांच किया था। उन्होंने इसे प्रदेश के लिए मॉडल बनाने की बात कही थी। प्लान में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए शॉर्ट और लांग टर्म प्लान बनाते हुए विभागों की जिम्मेदारी व समय सीमा निर्धारित की गई थी। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को एक माह के अंदर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट डिवीजन और हेल्पलाइन एक माह के अंदर बनानी थीं, लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बावजूद ऐसा नहीं हो सका है। अन्य विभागों ने भी स्वयं को सौंपी गई जिम्मेदारी निभाने में दिलचस्पी नहीं ली है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी जिला पर्यावरण समिति इसके लिए जवाबदेह है और प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी इसके नोडल अधिकारी हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
यह था मामला
एनजीटी ने देश के 102 ऐसे शहरों के लिए एयर एक्शन प्लान प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे, जिनमें पिछले पांच वर्षों से एक्यूआइ का वार्षिक औसत 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक रहा था। इनमें शामिल प्रदेश के 15 शहरों में आगरा भी था। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी), यूनाइटेड नेशंस इन्वायरमेंट प्रोग्राम (यूएनईपी) और क्लीन एयर एशिया द्वारा बनाए गए आगरा के एयर एक्शन प्लान को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्वीकृति दी थी।
ये हैं एक्शन प्लान की मुख्य बातें
वाहन जनित प्रदूषण के लिए
-सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक बसों का संचालन व चार्जिंग स्टेशन की स्थापना। - 360 दिन
-मेट्रो, रेलवे व बस स्टेशन पर बाइक जोन व साइकल जोन बनाया जाना। - 360 दिन
-डीजल चलित वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने को उचित उपकरणों का प्रयोग। - 360 दिन
-एक्सप्रेस-वे, बाइपास के निर्माण को प्लान बनाया जाना। - 360 दिन
-शहर के बाहर रोड बनाना, जिससे कि बाहर से आने वाले वाहन बाहर के बाहर ही निकल जाएं। - 360 दिन
-मल्टीलेवल पार्किंग की स्थापना। - 360 दिन
उद्योग से होने वाले प्रदूषण के लिए
-ईंट भट्टों में जिगजैग तकनीक का उपयोग। - 360 दिन
-फैक्ट्री व औद्योगिक क्षेत्रों में वायु प्रदूषण नियंत्रण डिवाइस की स्थापना। - 180 दिन
-एक्यूआइ की मॉनीटरिंग को मोबाइल फेसिलिटी/वैन का इंतजाम। - 360 दिन
रोड डस्ट पर नियंत्रण के लिए
-मास्टर प्लान के अनुसार शहर में 33 फीसद हरित क्षेत्र बनाना। - 180 दिन
-नालों के किनारे खुली जगह पर ईंटें लगाना और पौधारोपण करना। - 360 दिन
बायोमास, फसलों के अवशेष, कूड़ा-करकट के लिए
-खुले में जलने वाले बायोमास, फसल अवशेष, कूड़ा आदि के खिलाफ अभियान चलाना। - 90 दिन
-म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट के जलने की नियमित मॉनीटरिंग। - 90 दिन
-हॉर्टिकल्चर वेस्ट का उचित संग्रहण और उसका निवारण। - 90 दिन
-कृषि अवशिष्टों के जलने पर प्रतिबंध लगाना। - 180 दिन।