जल संस्थान की लापरवाही से पानी को तरसे लोग
आगरा : जल संस्थान की लापरवाही के चलते सोमवार सुबह व शाम को दर्जनभर से अधिक स्थानों पर पानी की सप्लाई न हीं हो सकी। लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, आगरा : जल संस्थान की लापरवाही के चलते सोमवार सुबह व शाम को दर्जनभर से अधिक क्षेत्रों में पानी नहीं आया। लीकेज की शिकायत मिलने के बाद भी टीमें नहीं पहुंचीं। बड़ी संख्या में लोगों ने नगर निगम में विरोध जताया। लोगों ने जल समस्या पर आंदोलन की चेतावनी भी दी।
सोमवार सुबह आवास विकास सेक्टर तीन, बालूगंज, ताजगंज, यमुना किनारा रोड, रामबाग में पाइप लाइन में लीकेज हो गया। इसकी शिकायत जल संस्थान और नगर निगम के अफसरों से की गई, लेकिन शाम तक कोई कर्मचारी मरम्मत के लिए नहीं पहुंचा। वहीं पीपल मंडी काला महल, बेलनगंज, बालूगंज, लोहामंडी, ईदगाह कालोनी, आवास विकास सेक्टर तीन और चार, ट्रांस यमुना ए ब्लॉक, पीलाखार शाहदरा, मनोहरपुर, नई व पुरानी अवधेशपुरी सहित अन्य क्षेत्रों में पानी नहीं आया। शिकायतों के बाद भी पानी के टैंकर नहीं भेजे गए। इससे लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। सुबह साढ़े दस बजे बालूगंज, राजा की मंडी के आधा दर्जन से अधिक लोग नगर निगम पहुंचे। नगरायुक्त अरुण प्रकाश व अपर नगरायुक्त विजय कुमार लखनऊ गए थे। क्षेत्रीय निवासी वीरेंद्र सिंह, अरुण शर्मा, गजल बघेल ने बताया कि कई दिनों से पानी नहीं आ रहा है। शिकायत के बाद भी जल संस्थान ने कोई ध्यान नहीं दिया। उधर, किशोरपुरा, मंटोला, गुदड़ी मंसूर खां, घटिया आजम खां में पानी का प्रेशर कमजोर आया। पूर्व पार्षद हेमंत प्रजापति ने बताया कि जल संस्थान की लापरवाही के चलते लोग पानी को तरस रहे हैं। पार्षद रवि माथुर का कहना है कि जल्द ही इस मामले को निगम के सदन में रखा जाएगा। शिकायतों के बाद भी लीकेज की मरम्मत नहीं कराई जाती है। इससे हजारों लीटर पानी बर्बाद चला जाता है।
135 एमएलडी पानी की आपूर्ति
जीवनी मंडी वाटरवर्क्स से सोमवार को 135 एमएलडी और एमबीबीआर प्लांट से 120 एमएलडी पानी की आपूर्ति हुई।
2860 क्यूसेक छोड़ा गया पानी
इस वित्तीय साल में गोकुल बैराज से सोमवार को सबसे अधिक 2860 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिस तरीके से बारिश हो रही है, उसे देखकर तो यही लगता है कि आने वाले दिनों में 1500 से 2500 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा।
480.6 फीट पर टिका जलस्तर
गोकुल बैराज से अतिरिक्त पानी छोड़ने के बाद भी अभी तक यमुना नदी का जलस्तर नहीं बढ़ा है। जलस्तर 480.6 फीट पर टिका हुआ है।
- पेयजल आपूर्ति को बेहतर कराया जाएगा। टीमें लगातार पहुंचे, इसके लेकर जल संस्थान के अफसरों को दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
के. राम मोहन राव, मंडलायुक्त