कमेटी से नहीं, वादे पूरा करने से होगा समस्या का समाधान
नई कमेटी गठित किए जाने से नाराज हैं शिक्षामित्रहाईपावर कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग
आगरा, जागरण संवाददाता। समायोजन रद होने से परेशान शिक्षामित्रों की समस्या निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 अगस्त 2018 को पांच सदस्यीय हाईपावर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई। अब नई कमेटी बनाए जाने से शिक्षामित्र नाराज हैं। उनका कहना है कि कमेटी से नहीं, वादे पूरा करने से समस्या का समाधान होगा। वे शिक्षक पद का स्थाई समाधान मांग रहे हैं।
उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह छौंकर का कहना है कि अब मुख्यमंत्री ने शिक्षक व कर्मचारियों की समस्या समाधान के लिए मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी अपने प्रयास में सफल होगी, इस पर संदेह है क्योंकि चार साल पहले शिक्षामित्रों की समस्या समाधान के लिए उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय हाईपावर कमेटी अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। इस कमेटी को गठित करने से भी कोई समाधान नहीं निकलेगा।
उनका कहना है कि जिम्मेदार जानते हैं कि शिक्षामित्र कितने परेशान हैं। महज 10 हजार रुपये के अल्प मानदेय पर जीवन यापन को मजबूर हैं। सरकार की संवेदनहीनता से अबतक पांच हजार से अधिक शिक्षामित्र भविष्य की चिता में असमय प्राण गवां चुके हैं। हमारी मांग है कि हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर सरकार अपने संकल्प-पत्र के वादे पूरा करे और टेट पास शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर समायोजित करें। शेष को प्रशिक्षित वेतनमान देकर न्याय दे। बता दें कि अपनी मांग को लेकर शिक्षामित्र एक अप्रैल 2021 से लगातार आंदोलनरत हैं और विद्यालयों में काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करते हुए विरोध दर्ज करा रहे हैं।