कर्ज में डूबे किसान ने की खुदकशी
आगरा (जागरण संवाददाता): कर्ज में डूबे किसान की आलू की फसल में कम उपज होने से वह अवसाद
आगरा (जागरण संवाददाता): कर्ज में डूबे किसान की आलू की फसल में कम उपज होने से वह अवसाद में आ गया। गुरुवार को सुबह उसने खेत से लौटने के बाद घर में फंदे से लटककर खुदकशी कर ली।
सिकंदरा के पनवारी निवासी पचास वर्षीय किसान हरी सिंह के पास सवा बीघा खेत था। इसमें उन्होंने आलू की फसल बोई थी। कुछ दिन पहले आलू खोदाई हुई तो उसमें महज 75 कट्टे आलू निकले, जबकि उसे करीब दो सौ कट्टे निकलने की उम्मीद थी। बैंक से हरी सिंह ने डेढ़ लाख रुपये कर्ज ले रखा था और कुछ साहूकारों का कर्ज था। फसल से कोई आय न होते देखकर वह अवसाद में आ गया था। गुरुवार को सुबह साढ़े पांच बजे वह शौच से आने के बाद घर में फंदे से लटक गया। बेटे और बेटी ने देखा तो नीचे उतारा और पड़ोसियों को बुलाया। मगर, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। परिजनों ने बताया कि हरी सिंह की पत्नी की पांच साल पहले बीमारी से मौत हो चुकी है। उसके एक बेटा और बेटी हैं। बेटा सैनिक स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। उसकी पढ़ाई में भी काफी खर्च हो रहा था। इसके साथ ही फसल की लागत के लिए उसे कर्ज लेना पड़ा था। बैंक की ऋणमाफी योजना का वह पात्र था, लेकिन लाभ नहीं मिला। अब बैंक और साहूकारों का कर्ज चुकाने का उनके ऊपर काफी दबाव था। इसीलिए उन्होंने खुदकशी की है। ब्रज में बीते दिनों आलू की खेती में काफी नुकसान हुआ है, इस वजह से किसानों पर काफी कर्ज हो गया है।