एसएन में पत्थर गिरा, जूडा और तीमारदार बचे
आगरा: एसएन में नई सर्जरी बिल्डिंग से शुक्रवार दोपहर पत्थर गिरने से जूनियर डाक्टर और तीमारदार बाल-बाल बचे।
जागरण संवाददाता, आगरा: एसएन में नई सर्जरी बिल्डिंग से शुक्रवार दोपहर पत्थर गिरने से जूनियर डॉक्टर और तीमारदार बाल-बाल बच गए। बिल्डिंग की चौथी मंजिल से तेज आवाज के साथ पत्थर गिरने से तीमारदार दहशत में आ गए। यहां कई और पत्थर गिरने की हालत में हैं।
एसएन में 80 करोड़ से छह मंजिला नई सर्जरी बिल्डिंग बनी है। बिल्डिंग में सीलिंग से पत्थर टूट कर गिरने लगे हैं। जूनियर डॉक्टर, मरीज और तीमारदार बिल्डिंग के बगल से बने रैंप से जाते हैं। दोपहर में रैंप पर तेज आवाज के साथ पत्थर टूट कर गिरा। इसी दौरान फीरोजाबाद निवासी भूरी सिंह अपने परिचित को देखने जा रहे थे, वे बाल-बाल बच गए। इससे कुछ देर पहले ही जूनियर डॉक्टर और तीमारदार वहां से निकल कर गए थे। प्राचार्य डॉ. जीके अनेजा ने बताया कि पत्थर गिरने की जांच कराई जाएगी। हादसे का इंतजार, नहीं कराई बेरीकेडिंग
पत्थर गिरने के बाद रैंप की बेरीकेडिंग नहीं कराई गई है, कार्यदायी संस्था के कर्मचारियों ने मलबे को हटा दिया। शाम को इसी जगह पर तीमारदार बैठ जाते हैं। यदि उस समय पत्थर गिरा होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। वार्ड में गिर रही फॉल सीलिंग
नई सर्जरी बिल्डिंग के अंदर वार्ड में फॉल सीलिंग गिरने लगी है। पिछले दिनों बर्न वार्ड में फॉल सीलिंग गिरने से मरीज बाल-बाल बच गए थे। गड़बड़ी की नहीं हुई जांच
बिल्डिंग के निर्माण कार्य में गड़बड़ी की वर्ष 2016 में शिकायत की गई थी। तत्कालीन प्राचार्य डा. एसके गर्ग ने शासन को भी पत्र लिखा था लेकिन इसकी जांच नहीं कराई गई और निर्माण कार्य का बजट लगातार बढ़ाते हुए 60 से 80 करोड़ रुपये कर दिया गया। अगस्त 2017 में पत्थर गिरने से हो चुकी है मौत
एसएन में 23 करोड़ की लागत से 100 बेड की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की बिल्डिंग बनाई गई है। 23 अगस्त 2017 को बिल्डिंग का पत्थर गिरने से महिला तीमारदार की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति घायल हो गया था। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर ठेकेदार को जेल भेजा गया था। बिल्डिंग के चारों तरफ बेरीकेडिंग कराई गई है। हादसे के करीब एक साल बाद भी बिल्डिंग का हस्तांतरण नहीं हो सका है। ..................
वातानुकूलित बिल्डिंग के ओटी में कूलर - फोटो
एसएन की वातानुकूलित नई सर्जरी बिल्डिंग में एसी प्लांट पूरी तरह से सही नहीं हुआ है। ऐसे में वार्ड में मरीजों को पंखे से हवा करनी पड़ रही है। वहीं, ऑपरेशन थिएटर में कूलर लगाए गए हैं, इससे ओटी में संक्रमण फैलने का खतरा है। ये है हाल
- नई सर्जरी बिल्डिंग - 80 करोड़ से बनी बिल्डिंग, तीन साल पहले हुआ हस्तांतरण
- छह मंजिला बिल्डिंग - 250 मरीज रहते हैं भर्ती, छठवीं मंजिल पर आइसीयू और एसी खराब