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मन बहलाने को कंट्रोल रूम में देते थे हत्या की फर्जी सूचना

आगरा: मां-बेटे ने पुलिस कंट्रोल रूम को मन बहलाने का साधन बना रखा था। हत्या की फर्जी सूचना देकर पुलिस को परेशान करती थी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 11:54 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 11:54 PM (IST)
मन बहलाने को कंट्रोल रूम में देते थे हत्या की फर्जी सूचना
मन बहलाने को कंट्रोल रूम में देते थे हत्या की फर्जी सूचना

आगरा: मां-बेटे ने पुलिस कंट्रोल रूम को मन बहलाने का साधन बना रखा था। हत्या की फर्जी सूचना देकर खुश होते थे। पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचते तो उन्हें ताजमहल देखने को बुलाने लगते। कई माह से पुलिस को परेशान कर रहे मां-बेटों को शुक्रवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने उनके मानसिक रोगी होने पर परिजनों को हिदायत देकर छोड़ दिया।

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एत्माद्दौला के नरायच निवासी महिला और उसका 13 वर्षीय बेटा मानसिक रोगी हैं। दोनों का इलाज चल रहा है। ये दोनों पुलिस कंट्रोल रूम में अक्सर कॉल करते थे। किशोर कॉल करके कहता कि फतेहपुर सीकरी के मई बुजुर्ग में उसकी मां की पुलिस गोली मारकर हत्या कर गई है। उनका शव सरकारी स्कूल के पास पड़ा है। यूपी 100 की पीआरवी सूचना के कुछ मिनट में वहां पहुंचती तो कुछ नहीं मिलता। पुलिस सूचना देने वाले नंबर पर कॉल करती उस पर हंसने की आवाज सुनाई देती। पुलिस फर्जी सूचना समझकर इसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम में दे देती और वापस हो जाती थी। अगली बार कंट्रोल रूम में कॉल महिला ने की। उसने कहा कि घर में डकैत घुस आए हैं। गोली चला रहे हैं। पता फिर वही बताया। पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मी पहुंचते तो वहां कुछ नहीं मिलता। आसपास पूछताछ करते तो लोग ऐसी किसी घटना से इन्कार करते। बताए गए नाम की महिला की भी तस्दीक नहीं होती। सूचना देने वाले नंबर पर कॉल करने पर महिला हंसकर कहती कि रामबाग पर आ जाओ, ताजमहल देखने चलेंगे। पुलिसकर्मी कॉल करने का कारण पूछते तो बताती कि ताजमहल देखना था। कई बार महिला पुलिसकर्मियों से कहती कि मन बहलाने को कॉल किया है। कार्रवाई न होने से मां-बेटे का दुस्साहस और बढ़ता जा रहा था। अब तक वे करीब 15-20 बार कॉल कर चुके थे। बुधवार को फिर महिला ने कंट्रोल रूम में कॉल कर फर्जी सूचना दे दी। इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई। मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस एत्माद्दौला क्षेत्र के नरायच पहुंची और दोनों को घर से उठा लिया। थाने लाकर उनसे पूछताछ की। परिजनों ने बताया कि दोनों मानसिक रोगी हैं। उनका इलाज चल रहा है। प्रभारी इंस्पेक्टर एत्माद्दौला जैनुल हसन ने बताया कि मानसिक रोगी मां-बेटे के परिजनों को हिदायत दी कि भविष्य में उन्होंने फिर कॉल किया तो कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया है।


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