जैनब लिपट कर रोई अब्बास के अलम से
आगरा: हाथों में छुरियां, आंखों में आंसू, बदन पर खून। अब्बास के गम में डूबे सैकड़ों लोग।
आगरा: हाथों में छुरियां, आंखों में आंसू, बदन पर खून। अब्बास के गम में डूबे सैकड़ों लोग। शाहगंज की हर गली से जैनब लिपट कर रोई अब्बास के अलम से. की आवाज गूंज रही थी। मोहर्रम की सातवीं तारीख को अंजुमन ए पजतनी की ओर से हजरत अब्बास के अलम का जुलूस निकला गया।
मंगलवार को शाहगंज के गांधी चौक स्थित पुराने इमामबाड़े से शुरू होकर शाहगंज व चिल्लीपाड़ा से होकर जुलूस वापस इमामबाड़ा पहुंचा। स्याह लिबास में शिया समुदाय ने इमाम हुसैन के छोटे भाई व अलमदार अब्बास की शहादत की याद में अलम का जुलूस निकाला। इसमें नौजवानों ने छुरी से पीठ, ब्लेड से सीने और कमर से सिर पर अब्बास की सदाओं के साथ नौहाख्वानी व सीनाजनी की। इमाम हुसैन सहित उनके परिजनों व साथियों का जो ख़ून करबला में बहा। उसके लिए उनका खून नजराना ए अकीदत के तौर पर हाजिर है।
मजलिस-ए-अजा हुई संपन्न:
जुलूस से पहले इमामबाड़े में मजलिस-ए-अजा संपन्न हुई। इसमें लखनऊ से आए मौलाना मोहम्मद अब्बास तुराबी ने खिताब फरमाया।
ये रहे उपस्थित : अमीर अहमद, सैय्यद जफर रिजवी, प्यारे मियां, मोहम्मद अहमद, अली हैदर, ताहिर जैदी, लल्लन मिर्जा, मौलाना अली गौहर जैदी, मौलाना मुद्दसिर खान, सैफ रिजवी, अब्बास अमीर, सनी रिजवी, नौशाद रिजवी और बंटी आदि।
पुलिस से हुई नोकझोंक : शिया समुदाय का जुलूस निकलते वक्त शाहगंज चौराहे पर बेरिकेटिंग पास-पास लगी होने के कारण अंजुमन के लोगों की पुलिस से नोकझोंक हो गई। जुलूस के साथ चल रहे एसएसआइ बेरिकेटिंग को दूर-दूर न करने की मांग पर अड़ गए। हंगामे के बाद थानाध्यक्ष शाहगंज चौराहे पर पहुंचे और मामले को शांत कराकर मातम शुरू कराया।