नगर निगम से एक लाख डस्टबिन गायब
आगरा : नगर निगम में डस्टबिन घोटाला हुआ है। एक लाख डस्टबिन कहां गए, इसका कोई पता नहीं है।
जागरण संवाददाता, आगरा : नगर निगम में डस्टबिन घोटाला हुआ है। एक लाख डस्टबिन कहां गए, इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। सेनेटरी इंस्पेक्टरों और पार्षदों को डस्टबिन नहीं मिले हैं, जबकि जनता डस्टबिन की आस में परेशान है। मंडलायुक्त के. राम मोहन राव ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
गेल इंडिया कंपनी ने कारपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी के तहत दस करोड़ रुपये दिए थे। शहर के लिए एक लाख डस्टबिन खरीदे गए। 50 हजार डस्टबिन ताजगंज के नौ वार्ड में और 50 हजार का पूरे शहर में वितरण होना था। कागजों में भले ही डस्टबिन का वितरण हो गया हो, लेकिन हकीकत कोसों दूर है। 70 फीसद पार्षदों को अभी तक एक भी डस्टबिन नहीं मिला है। डस्टबिन की आस में हर दिन लोग नगर निगम के जोनल कार्यालयों में पहुंचते हैं और सुपरवाइजर से भिड़ जाते हैं। इस साल एक भी डस्टबिन न मिलने की शिकायतें नगर निगम व प्रशासनिक अफसरों से की गई हैं।
सदन में होगी घोटाले पर चर्चा
पार्षदों का कहना है कि डस्टबिन घोटाले की चर्चा सदन में होगी। एक-एक डस्टबिन के वितरण का हिसाब लिया जाएगा। उच्चस्तरीय जांच होने से मामला खुलेगा।
इसलिए जरूरी है डस्टबिन
आगरा स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है। यहां सौ फीसद डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन होना है। इसके तहत सूखे व गीले कूड़े को अलग-अलग रखना है। जिससे इसे प्रॉसेस करने में समस्या न आए। पार्षद बोले
- बाग फरजाना, दिल्ली गेट व उसके आसपास के जो भी क्षेत्र हैं। वहां डस्टबिन का वितरण नहीं हुआ है। मुझे एक भी डस्टबिन नहीं मिला है।
संजय राय, भाजपा पार्षद, वार्ड 94 लोहामंडी में डस्टबिन मांगने के लिए कई बार अफसरों को ज्ञापन दिया गया, लेकिन एक भी डस्टबिन नहीं मिला। न ही डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा है।
प्रियंका प्रजापति, सपा पार्षद, वार्ड 86 डस्टबिन वितरण में घोटाला हुआ है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। आखिर इतनी संख्या में डस्टबिन कहां गए।
धर्मवीर सिंह, पार्षद दल के नेता,
बसपा, वार्ड 17 मेरे वार्ड में एक भी डस्टबिन का वितरण नहीं हुआ है। डस्टबिन में गड़बड़ी से इन्कार नहीं किया जा सकता है। मामले को निगम सदन में उठाया जाएगा।
शिरोमणि सिंह, निर्दलीय पार्षद, वार्ड 47 जनता बोली
सूखा और गीला कूड़ा अलग रखने की जानकारी देने के लिए टीम आई थी, लेकिन टीम ने डस्टबिन नहीं दिए।
वीरेंद्र सिंह, विभव नगर डस्टबिन प्राप्त करने के लिए कई बार नगर निगम गया, लेकिन आजतक किसी ने एक भी मुफ्त में डस्टबिन नहीं दिया है।
रामचंद्र कुमार, शीतला गली मार्च में नगर निगम के अफसरों से डस्टबिन की मांग की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।
मोहम्मद इरशाद, मंटोला मुझे कोई डस्टबिन नहीं मिला है। डस्टबिन के लिए कई बार सेनेटरी इंस्पेक्टर से भी अनुरोध कर चुका हूं।
अनुज सिंह, शाहगंज
डस्टबिन वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। कई क्षेत्रों में इनका वितरण नहीं हुआ है। मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा। उस पर कार्रवाई होगी।
के. राम मोहन राव, मंडलायुक्त