Move to Jagran APP

छापे में पकड़ा फर्जी कॉल सेंटर, नहीं हुई कार्रवाई

आगरा: फर्जी कॉल सेंटर पर पुलिस ने छापा मारा। मगर, सुबह उसे निजी मुचलके पर छोड़ दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jun 2018 01:33 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jun 2018 01:33 AM (IST)
छापे में पकड़ा फर्जी कॉल सेंटर, नहीं हुई कार्रवाई
छापे में पकड़ा फर्जी कॉल सेंटर, नहीं हुई कार्रवाई

जागरण संवाददाता, आगरा: पॉश कॉलोनी में स्थित एक कोठी में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में कॉल करके लोगों को लकी ड्रॉ का झांसा देकर ठगी कर रहे थे। पुलिस ने छापा मारा। कॉल सेंटर की हकीकत भी सामने आ गई और टीम लीडर को हिरासत में ले लिया। मगर, सुबह उसे निजी मुचलके पर छोड़ दिया। अब पुलिस इस फर्जी खेल के खिलाड़ियों पर कार्रवाई को शिकायत मिलने का इंतजार कर रही है। कॉल सेंटर का मालिक हाथरस का निवासी है।

loksabha election banner

हरीपर्वत पुलिस ने शुक्रवार शाम को गांधी नगर स्थित एक कोठी में छापा मारा। इसमें एक फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। पूर्व में कोठी के बाहर एक बोर्ड लगा था, लेकिन अब यह हटा दिया गया था। पुलिस वहां पहुंची तो 14 लड़कियां और एक युवक मिला। युवक टीम लीडर था। ऑफिस में तमाम मोबाइल कंपनियों के मोबाइल नंबरों की क्षेत्र के हिसाब से लिस्ट रखी हुई थीं और कई मोबाइल रखे थे। महिला कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि वे लिस्ट के आधार पर लोगों को कॉल करती हैं। उनसे कहती हैं कि आपका नंबर लकी ड्रॉ में निकला है। कंपनी की तरफ से आपको एक गिफ्ट भेजा जा रहा है। उसकी कीमत अधिक बताते हुए कम में देने का वादा किया जाता था। इस तरह लोग उनके जाल में फंस जाते थे। इसके बाद उन्हें संबंधित क्षेत्र के पोस्टऑफिस में बुलाकर चार से पांच हजार रुपये लेकर डिलीवरी देकर कॉल सेंटर से जुड़ा व्यक्ति वहां से गायब हो जाता। गिफ्ट पैक में भूसा भरा निकलता था। इसके बाद ठगी का शिकार हुआ व्यक्ति कॉल सेंटर से संपर्क करता तो वह नंबर स्विच ऑफ कर देते। फर्जी कॉल सेंटर से उप्र या आसपास के राज्यों में कॉल नहीं किए जाते थे। वे दूर दराज के राज्यों में कॉल करके लोगों को फंसाकर चार से पांच हजार रुपये ठग लेते थे। इसीलिए उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं होती। कॉल सेंटर का मालिक हाथरस का है। उसकी तलाश को पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वह फरार हो गया। शनिवार को सुबह कॉल सेंटर से उठाए गए टीम लीडर को भी सशर्त मुचलके पर रिहा कर दिया गया। मुकदमे को पुलिस शिकायत आने का इंतजार कर रही है। इंस्पेक्टर हरीपर्वत महेश चंद्र गौतम का कहना है कि मामले में अभी तक उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पुलिस के पहुंचते ही बेहोश हुई कई युवतियां

फर्जी कॉल सेंटर में पांच-पांच हजार रुपये में युवतियां नौकरी कर रही थीं। इसमें से अधिकांश 12वीं पास थीं। पुलिस के पहुंचते ही इनमें से अधिकतर रोने लगीं और कुछ बेहोश हो गई। उनका कहना था कि उन्हें अभी तक सेलरी भी नहीं मिली है। कॉल सेंटर के टीम लीडर को 12 हजार रुपये मिलते थे। अपनी ओर से क्यों नहीं लिखा मुकदमा?

फर्जी कॉल सेंटर से सैकड़ों लोगों के साथ ठगी का मामला सामने आ गया। कर्मचारियों ने कबूला भी। मगर, पुलिस ने शिकायतकर्ता के सामने न आने का हवाला देकर कोई कार्रवाई नहीं की। आखिर पुलिस ने अपनी ओर से क्यों मुकदमा दर्ज नहीं किया?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.