दस साल में अरबपति बन गया सटोरिया
आगरा: पुलिस की चेकिंग में पकड़ा गया शहर का सबसे बड़ा सटोरिया श्याम बोहरा दस साल में ही अरबपति बन गया। दवा के अवैध कारोबार के बाद उसने संट्टा बाजार में कदम रखा और फिर सफेदपोश के संरक्षण में पैसा कमाने की मशीन बन गया।
जागरण संवाददाता, आगरा: पुलिस की चेकिंग में पकड़ा गया शहर का सबसे बड़ा सटोरिया श्याम बोहरा दस साल पहले सामान्य व्यक्ति था। स्कूटर पर चलता था और दवा का अवैध कारोबार करता था। मगर, एक दशक में ही वह अरबपति बन गया। महंगी लग्जरी कारों से चलने वाले सटोरिये का कारोबार बढ़ने के पीछे सफेदपोश और अफसरों का संरक्षण माना जा रहा है।
ताजगंज के पारसनाथ पंचवटी में रहने वाला श्याम बोहरा पुत्र श्रीराम बोहरा पंद्रह साल से सट्टे का काला कारोबार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, दस साल पहले वह दवा का अवैध कारोबार करता था और स्कूटर से चलता था। वर्ष 2008 तक उसे ताजगंज के एक स्थानीय नेता का संरक्षण था। उसके माध्यम से एक माननीय से संबंध बनाए और बडे़ स्तर पर कारोबार शुरू कर दिया। 2009 में पहली बार उसका सट्टे में नाम सामने आया। मगर, पुलिस ने उसे बचा दिया। कुछ ही दिन में वह शहर का सबसे बड़ा बुकी बन गया और ऑडी कार से चलने लगा। सफेदपोशों और अफसरों के संरक्षण के चलते उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। चुनाव आचार संहिता लगने के बाद फरवरी 2017 में पहली बार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा। ताजगंज थाने में धोखाधड़ी और 13 जुआ एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। चार दिन बाद जमानत पर वह जेल से बाहर आ गया। इसमें पुलिस ने मई 2017 में केवल 3 /4 जुआ अधिनियम में चार्जशीट लगाकर काम खत्म कर दिया। इसमें श्याम बोहरा के साथी जिप्पी और शैलेष अग्रवाल उर्फ निक्की के नाम निकाल दिए गए। इसके बाद फिर खुलेआम खेल चल रहा था। चर्चाएं हैं कि अब उसकी पैरवी शहर के एक बड़े कारोबारी द्वारा की जा रही है। कारोबारी की अफसरों से करीबी के चलते 2017 में सटोरिये को पकड़ने वाली पुलिस टीम पर गाज गिर गई। कुछ के गैर जनपद तबादले हुए तो कुछ पुलिसकर्मियों की जांच खुलीं। हालात ऐसी हो गई कि पुलिस भी इस सटोरिये से डरने लगी है। उसको पकड़ना तो दूर पुलिसकर्मी उसके बारे में बात करने से भी डरते हैं।
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आलीशान कोठी और होटल भी
एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि श्याम बोहरा ने सट्टे से अर्जित धन से संपत्तियां खरीदी हैं। इनमें से ताजनगरी में प्लाट, पारसनाथ पंचवटी में घर के अलावा हाल ही में खरीदी गई जीप कंपास भी है। ताजनगरी में होटल समेत कई अन्य कॉलोनियों में कोठियां और प्रमुख बाजारों में दुकानें हैं।
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गैंगस्टर में भी पुलिस ने निकाल दिया था नाम
श्याम बोहरा का सट्टा वर्ष 2009 में ताजगंज क्षेत्र में पकड़ा गया था। उसके कई साथियों को जुआ एक्ट के साथ-साथ गैंगस्टर में जेल भेजा गया। इसमें श्याम बोहरा का नाम भी पुलिस ने खोल दिया। गैंगस्टर की विवेचना पहले रकाबगंज से हुई, फिर पर्यटन थाने में स्थानांतरित हुई। इसके बाद श्याम को गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस ने उसका नाम ही गैंगस्टर से निकाल दिया।
नोएडा में ये बुकी भी हुए थे गिरफ्तार
ताजगंज के पारसनाथ पंचवटी निवासी श्याम बोहरा पुत्र श्रीराम बोहरा
बल्केश्वर के लोहिया नगर निवासी अंकित अग्रवाल पुत्र रवींद्र अग्रवाल, बल्केश्वर के लोहिया नगर में कोमल अपार्टमेंट निवासी शैलेंद्र अग्रवाल उर्फ निक्की।