संस्कार हैं जीवन का आधार, पढ़ाई से ज्यादा जरूरी है संस्कृति की का ज्ञान
आगरा: छात्र-छात्राओं की सफलता में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गुरु चाहे तो शिष्य को अर्स से फर्स पर ला सकता है।
आगरा: छात्र-छात्राओं की सफलता में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गुरु चाहे तो शिष्य को अर्स पर पहुंचा देता है, और अगर न चाहे तो फर्स पर पहुंचा देता है। ये बाते आरकेपुरम स्थित जिम कॉर्बेट पब्लिक स्कूल की प्रबंधक निदेशक डॉ. मीना सिंह रावत ने कहीं।
शुक्रवार को स्कूल में दैनिक जागरण की संस्कारशाला आयोजित की गई। छात्रों ने 'हमारे संस्कार' नाटक का मंचन किया। नाटक में छात्रों ने घर पर आए अतिथि का आदर सत्कार कर संस्कारों का संदेश दिया। इसमें देवेश, वंश, चिराग और विशाल ने अभिनय किया।
कार्यक्रम में शिक्षक और छात्रों ने संस्कारों पर आधारित विचार ंव्यक्त किए।
ये हुए विजेता
कार्यक्रम में संस्कारों पर आधारित छात्र-छात्राओं को कहानियां सुनाई गईं। इसके बाद छात्र-छात्राओं से चार सवाल पूछे। सवालों के जवाब देने वाले छात्र-छात्राओं को कॉमिक बुक भेंट की गई।
सफलता की पहली कुंजी संस्कार हैं। इनकी शुरुआत माता-पिता यानी हमारे घर से होती है। अपने बड़ों से हम संस्कार सीखते हैं।
कार्तिकेय सिंह रावत हमारे कंधों पर माता पिता, परिवार और समाज की जिम्मेदारी टिकी है। इन जिम्मेदारियों का निर्वहन हमें पूर्ण तत्परता के साथ करना चाहिए।
प्रियंका पोद्दार हमें घर से बाहर निकलकर सबसे पहले संस्कारों की आवश्यकता होती है। क्योंकि संस्कारों से ही हमारे घर के माहौल का पता होता है।
संदीप यादव संस्कार जीवन की पहली पाठशाला होती है। संस्कारवान बनने के बाद हमें सफलता प्राप्त करते हैं।
ंिवभूति सक्सैना दैनिक जागरण संस्कारशाला कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इससे समाज में संस्कारों के प्रति जागरूकता बढ़ती है
अंशिका हम संस्कार सीखने के वक्त को मोबाइल व कंप्यूटर पर सोशल मीडिया पर वक्त गुजारा जा रहा है।
शोहेल खान जीवन में सफल बनने के लिए गुरु की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गुरु ही हमें शीर्ष पर पहुंचा देते हैं।
सरफराज खान माता-पिता या गुरु डांटते हैं तो हमें उनकी डांट का बुरा नहीं मानना चाहिए। वह डांट हमें सफलता की ओर ले जाती है।
त्रिलोकी