World Happiness Day: हर तनाव को हंसी में उड़ाता चला जा, नहीं पछताएगा प्यारे..
बडे़ से लेकर बचे तक हो रहे मनोरोग के शिकार खिलखिलाकर हंसने से तनाव को रख सकते हैं दूर
आगरा,जागरण संवाददाता। क्या आपको याद है कि आखिरी बार खुलकर कब हंसे थे। ऐसी हंसी जिसने आपकी आंख में आंसू ला दिए हों। शायद याद नहीं होगा। चेहरे से हंसी गायब होने और जिंदगी में तनाव की एंट्री से अधिकांश लोग परेशान हैं। कम उम्र में ही बीमारियों से घिरे हैं। ऐसे लोगों को डॉक्टर भी मुस्कुराने की सलाह दे रहे हैं। सुबह घर से निकलते ही तनाव भरी जिंदगी शुरू हो जाती है। रात को सोने तक तनाव का सिलसिला जारी रहता है। ऐसे में कम उम्र में ही लोग ब्लड प्रेशर, अवसाद, अनिद्रा व तनावग्रस्त हो रहे हैं। डॉक्टरों के यहां ऐसे लोगों की लाइन लगी है। ऐसे मरीजों को डॉक्टर दवा से ज्यादा हंसने और खुश रहने की सलाह दे रहे हैं। मनोचिकित्सक डॉ. यूसी गर्ग का कहना है कि बडे़ से लेकर बच्चे तक तनाव का शिकार हो रहे हैं। तनाव से बचने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। व्यायाम करें, अच्छी नींद लें और खुश रहें। तनाव कई बीमारियों की जड़ हमारे शरीर में कुछ स्ट्रेस हार्मोन होते हैं, जैसे कि कर्टिसोल, एड्रेनलिन आदि। जब कभी हम तनाव में होते हैं तो ये हार्मोन हमारे शरीर में सक्रिय हो जाते हैं। इनका लेवल बढ़ने पर घबराहट होती है, ज्यादा घबराहट बढ़ने पर सिरदर्द, माइग्रेन, कब्ज हो सकता है और शुगर लेवल भी बढ़ सकता है।
खिलखिलाकर हंसें
मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश राठौर ने बताया कि हंसना एक स्वाभाविक व्यायाम है। जब आप तनाव में होते हैं तब आप इस व्यायाम को करके तनाव मुक्त भी हो सकते हैं। हंसने से कर्टिसोल कम होता है और एंडरफिन जैसे फील गुड हार्मोन बढ़ जाते हैं। इससे मन, उल्लास और उमंग से भर जाता है। जितनी देर हम जोर-जोर से हंसते हैं। उतनी देर हम एक तरह का प्राणायाम करते हैं, क्योंकि हंसते हुए हमारा पेट अंदर की तरफ चला जाता है। हंसी एक कोर्डियो एक्सरसाइज भी है। हंसने से चेहरे, हाथ, पैर और पेट की मसल्स व गले की हल्की-फुल्की कसरत हो जाती है। इससे ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है और मसल्स रिलेक्स भी करती हैं। तनाव से मुक्ति में योगा बहुत कारगर है। हंसने के फायदे हंसी से टेंशन और डिप्रेशन कम होता है। यह नेचुरल पेनकिलर का काम करता है। हंसी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हंसी से आत्मविश्वास भी बढ़ता है। हंसने से सकारात्मक सोच का भी विकास होता है।
पार्कों में हंसना बना दिनचर्या का हिस्सा
पालीवाल पार्क समेत शहर का कोई ऐसा पार्क नहीं है, जहा सुबह के वक्त लोग खुलकर न हंसते हों। पार्को में लगने वाली योग की कक्षाओं में तो बाद में लोगों को हंसाया जाता ही है, इसके अलावा सैर करने आने वाले व्यक्ति भी बाद में एक स्थान पर बैठकर खूब हंसते हैं। हंसें-हंसाएं, सेहत बनाएं क्रोध की मात्रा के अनुसार ही उसका असर रहता है- 4 घटे, 8 घटे, 12 घटे। ऐसे में कुछ यौगिक क्रियाएं मन पर काबू पाने में सहायक हो सकती हैं। जैसे- आसन, प्राणायाम, ध्यान, डीप ब्रीदिंग, योग निद्रा, हास्य योग। इसमें हास्य योग एक आसान व सहज क्त्रिया है। इसके लिए दिनभर में कम से कम एक वक्त दिल खोलकर हंसना चाहिए।