Move to Jagran APP

Agra Weather Update: ठंड से ठिठुरा जनजीवन, सोमवार को दर्ज किया गया 8.6 डिग्री सेल्सियस तापमान

जनवरी की शुरुआत हो गई है और सर्दी अपने चरम पर है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक हफ्ते कोहरा अपना कोहराम मचा सकती है। सूरज के दर्शन भी मुश्किल से होंगे। कड़ाके की ठंड में सभी को बचकर रहने की सलाह दी गई है।

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawPublished: Tue, 03 Jan 2023 08:04 AM (IST)Updated: Tue, 03 Jan 2023 08:04 AM (IST)
Agra Weather Update: ठंड से ठिठुरा जनजीवन, सोमवार को दर्ज किया गया 8.6 डिग्री सेल्सियस तापमान
Agra Weather Update: ठंड से ठिठुरा जनजीवन, सोमवार को दर्ज किया गया 8.6 डिग्री सेल्सियस तापमान

जागरण संवाददाता, आगरा: सोमवार को अधिकतम तापमान 18.8 और न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रविवार को भी इतना ही तापमान था। मौसम विभाग के निदेशक डा. दानिश के अनुसार आने वाले एक सप्ताह तक मौसम ऐसा ही रहेगा। ठंड यूं ही बरकरार रहेगी, बर्फीली हवा चलती रहेगी। सुबह और रात को कोहरा रहेगा।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद शीतलहर में फुटपाथ पर जिंदगी कांपती रही। एक कंबल में लोग फुटपाथ पर सर्दी में ठिठुरते रहे। रैन बसेरा खाली पड़े रहे। जिम्मेदारों ने ऐसे असहायों का हालचाल लेने के लिए घर से बाहर निकलने की जरूरत भी नहीं समझी। एमजी रोड पर आगरा कालेज के सामने, डीएम आवास के पास, भगवान टाकीज से हरीपर्वत चौराहे तक फुटपाथ पर सर्द रात में लोग ठंड से ठिठुरते रहे। फुटपाथ पर सो रहे लोगों को रैन बसेरा में पहुंचाने के लिए अधिकारी और कर्मचारी बाहर नहीं निकले। छीपीटोला स्थित 12 बेड के रैन बसेरा में रात 10.30 बजे पांच लोग लेटे हुए थे। सात बेड खाली थे। जिला अस्पताल में बने रैन बसेरा में ताला लटका हुआ था।

छीपीटोला रैन बसेरा में शौचालय के दरवाजे टूटे हुए थे। रैन बसेरा में ठहरे दिल्ली जा रहे जगनेर निवासी संजू परमार ने बताया कि गीजर खराब है। दरवाजे टूटे हुए हैं, कोई इंतजाम नहीं है। सिर्फ कागजों पर ही व्यवस्था है। वहीं चौराहों के साथ ही बस स्टैंड, रैन बसेरा, एसएन मेडिकल कालेज इमरजेंसी जैसे जगहों पर 28 गैस हीटर लगाए गए हैं, जिससे लोगों की भीड़ लगी रही।

शरद ऋतु के आकाश में सूरज के दर्शन ही नहीं हो पाए। जनजीवन ठिठुर गया। बच्चे और बुजुर्ग कमरे में ही दुबके रहे। रविवार शाम से जो कोहरा छाया कि सोमवार सुबह तक गहराया रहा। रजाई में छिपे लोग सूरज देवता का इंतजार करते रहे, लेकिन दर्शन नहीं हुए। ठंडे पानी में हाथ डालने में ही कंपकंपी छूट रही थी। महिलाओं ने पोंछा भी गर्म पानी से लगाया। बर्फीली हवा घर से बाहर निकलने वालों की नाक और हाथों को लाल कर रही थी। ठंड ने लोगों के गर्म कपड़ों की तहों को बढ़ा दिया। इसके बाद भी बर्फीली हवा गर्म कपड़ों को चीरती हुई महसूस हो रही थी। टोपा, मफलर, दस्ताने भी राहत नहीं दे रहे थे। घरों में पूरा दिन चाय, काफी और सूप बनते रहे। हीटर, ब्लोअर आन रहे। सड़क पर काम करने वाले, ठेल वाले अलाव जलाकर पूरा दिन ठंड के बचने की कोशिश करते रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.