ताजनगरी में दो दिन में एक उड़ान
आगरा: ताजनगरी, जहां रोजाना हजारों सैलानी आते हैं। लेकिन हवाई यात्रा की हालत द्वितीय श्रेणी के शहरों से भी पीछे है।
आगरा: ताजनगरी, जहां रोजाना हजारों सैलानी आते हैं। लेकिन हवाई यात्रा की हालत द्वितीय श्रेणी के शहरों से भी खराब है। दो दिन में औसतन एक उड़ान ही आगरा आती है। एक आरटीआइ के जवाब में यह तथ्य सामने आए हैं।
आगरा में हवाई उड़ानों की स्थिति के संबंध में आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से एक आरटीआइ दाखिल की गई थी। इसके जवाब में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बताया है कि पिछले चार साल में 35 पर्यटक ही हवाई यात्रा से रोजाना आगरा आए। जबकि आगरा में प्रतिदिन आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग 20 हजार है। एक हजार पर्यटकों में दो से भी कम पर्यटक हवाई यात्रा करते हैं। आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव केसी जैन ने बताया कि पिछले सवा चार वर्षो में आगरा में आने व जाने वाली कुल उड़ानों की संख्या मात्र 1710 थी। 855 हवाई जहाज ही इस अवधि में आये। इसका औसत निकाला जाये तो दो दिन में एक हवाई उड़ान ही आगरा आई। केसी जैन ने कहा कि सैलानी फ्लाइट का आवागमन न होने से वह सड़क या रेल मार्ग का प्रयोग करते हैं।
लंबी दूरी की उड़ानें शुरू करने की मांग : केसी जैन ने बताया कि आगरा से दिल्ली और जयपुर की उड़ानों के बजाए चेन्नई, बेंगलुरु, गोवा, कोलकाता, हैदराबाद आदि शहरों से उड़ानें शुरू की जानी चाहिए। आगरा एयरपोर्ट पर आने वाले व्यक्तियों और उड़ानों की संख्या
वर्ष आने वालों की संख्या जाने वालों की संख्या कुल संख्या औसत प्रतिदिन आने व जाने वाली हवाई उड़ानों की संख्या
2014-15 9610 4833 14443 40 586
2015-16 7452 3394 10848 30 287
2016-17 7483 3531 11014 30 312
2017-18 8784 4931 13715 38 452
2018-19 (अप्रैल से जून) 1620 570 2190 24 103
कुल योग 34949 17259 52210 162 1710 (कुल 855 हवाई जहाज आए)
सिविल एंक्लेव से खत्म होगी परेशानी : खेरिया एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से अधिक जांच की जाती है, जिससे यात्रियों को असुविधा होती है। सिविल एंक्लेव के बनने से यात्रियों को इससे राहत मिलेगी।