डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय में बंद हो गई 'इसरो' की क्लास
विवि के खंदारी परिसर में इसरो की मदद से चलती थी स्मार्ट क्लासेस
आगरा (जेएनएन) : डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन में शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता सुधारने की बात जरूर करता है लेकिन किसी भी स्तर पर इस पर अमल नहीं हो पा रहा। यहां साधनों के अभाव में 'इसरो' की सौगात दम तोड़ चुकी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने वर्ष 2009 में सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए योजना तैयार की थी। इसरो ने आगरा के डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय को सेटेलाइट से पढ़ाई कराने के लिए निशुल्क संसाधन भी उपलब्ध कराए थे। आइईटी के पूर्व निदेशक डॉ. संजीव कुमार ने इसरो से संपर्क करके क्लास की स्थापना कराई। कुछ दिनों इसका संचालन भी हुआ। इसके बाद इसरो ने स्मार्ट क्लास को बेहतर बनाने के लिए कुछ संसाधन स्थानीय स्तर पर जुटाने के निर्देश दिए थे।
सूत्रों का कहना है कि तत्कालीन कुलपति केएन त्रिपाठी ने भी इसमें कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई। इसी बीच इसरो से संपर्क टूटने लगा और उसने विवि से संसाधन जुटाने के बाद ही पुन: जुड़ने की कह कनेक्शन तोड़ दिया। इसके बाद कक्षाएं शुरू नहीं हो सकी। तब से लेकर अब तक किसी शिक्षाविद् ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
एक घंटे की होती थी क्लास
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित गणित विभाग में स्मार्ट क्लासेस के लिए इसरो ने एक कम्प्यूटर, कैमरा, एंटीना, साउंड सिस्टम, स्क्रीन, प्रोजेक्टर आदि उपलब्ध कराए थे। इसके साथ ही आगामी लेक्चर का टाइम टेबल भी भेज दिया जाता था, जिससे छात्र निर्धारित समय पर पहुंच जाते थे। स्क्रीन के माध्यम से विशेषज्ञ छात्रों को प्रशिक्षित करते थे। सभी क्लासेस लगभग एक घंटे की होती थीं। इसमें छात्रों को सवाल पूछने का अवसर भी मिलता था।