विवि की लापरवाही से टूट रही गरीब छात्रों की आस
आगरा: डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्याल के पालीवाल पार्क स्थित परिसर में दो साल से बंद पड़ा है कोचिंग सेंटर। यहां पर सिविल सर्विसेज की तैयारी एससी एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग के गरीब छात्रों को कराई जाती थी।
जागरण संवाददाता, आगरा: डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय परिसर में 25 साल से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सिविल सेवा की तैयारी कराने को चल रही कोचिंग विवि की अनदेखी के चलते बंद हो गई है। एक साल से अधिक समय से यहां पर कक्षाएं नहीं लगी हैं।
विश्वविद्यालय के पालीवाल पार्क कैंपस में इतिहास विभाग की ऊपरी मंजिल पर वर्ष 1992 से आइएएस-पीसीएस की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर चल रहा था। इसकी शुरुआत तत्कालीन कुलपति डॉ. अगम प्रसाद माथुर ने एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सिविल सेवा की तैयारी कराने के लिए की था। इसमें आइएएस प्री, पीसीएस प्री और मेडिकल की तैयारी कराई जाती थी। बाद में बैंकिंग की तैयारी भी कराई जाने लगी। 2014 और 2015 में नेट की तैयारी भी कराई गई। विवि प्रशासन की बेरूखी के चलते इसका स्तर गिरता गया। कुलपति डीएन जौहर ने कोचिंग सेंटर की स्थिति सुधारने की कोशिश की। प्रदीप श्रीधर को अवैतनिक निदेशक बनाया गया। उन्होंने केएमआइ का निदेशक बनने पर यहां से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कोचिंग सेंटर की चलाने की जिम्मेदारी सहायक निदेशक डॉ. पीके गर्ग पर थी। 2016 में उनके रिटायर होने के बाद विवि ने किसी को जिम्मेदारी नहीं दी। इससे कोचिंग सेंटर बंद हो गया है। उस स्थान पर अस्थाई रूप से ललित कला संस्थान को शिफ्ट कर दिया गया है। यूजीसी से मिलती थी ग्रांट
कोचिंग सेंटर को चलाने के लिए यूजीसी से ग्रांट मिलती थी। यह विवि के मुख्य एकाउंट में आती थी। उस खाते से कोचिंग के लिए ग्रांट निकालने में तकनीकि दिक्कत होती थी। सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए सहायता प्राप्त कॉलेजों के विषय विशेषज्ञों को बुलाया जाता था। इन्हें प्रति घंटा 300 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाता था। सहायक निदेशक के रिटायर होने के बाद कोचिंग संचालन में परेशानी आ रही है। जल्द ही यहां पर तैनाती कर इसे दोबारा शुरू किया जाएगा।
केएन सिंह, कुलसचिव आंबेडकर विवि