CM Grid Scheme में काम लेने को अपनाया हथकंडा, पकड़ में आने पर दो कंपनियां ब्लैक लिस्टेड
आगरा में सीएम ग्रिड योजना के तहत काम पाने के लिए दो कंपनियों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाए। जांच में मामला खुलने पर नगर निगम ने दोनों फर्मों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। साथ ही, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा गया है। यह कार्रवाई निविदा शर्तों के उल्लंघन और धोखाधड़ी के आरोप में की गई है।

प्रतीकात्मक चित्र।
जागरण संवाददाता, आगरा। सीएम ग्रिड योजना के तहत कार्य को हथियाने के लिए दो फार्मो ने संयुक्त उप्रकम बनाकर आवेदन में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगा दिए। जांच में मामला पकड़ में आया तो नगर निगम ने दोनों कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है।
इसके साथ ही उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पुलिस आयुक्त दीपक कुमार को पत्र लिखा गया है।
सीएम ग्रिड योजना के तहत टेढ़ी बगिया से कालिंदी विहार राष्ट्रीय राजमार्ग-19 सर्विस रोड तक मार्ग का समेकित विकास एवं उन्नयन कार्य के लिए ई-निविदाएं आमंत्रित की गई थीं।
इसके लिए मैसर्स मुरारी लाल सिंघल कांट्रेक्टर धौलपुर (राजस्थान) और मैसर्स गर्ग री-सर्फेसिंग एंड कंस्ट्रक्शन, कमला नगर ने संयुक्त उप्रकम बना आवेदन किए थे। फर्मो द्वारा प्रस्तुत तकनीकी दस्तावेजों के साथ अनुभव प्रमाण-पत्र की सत्यता की जांच में मामला खुल गया।
नगर निगम, आगरा द्वारा लोक निर्माण विभाग, जयपुर से सत्यापन कराया गया। सत्यापन रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि प्रस्तुत प्रमाण-पत्र उनके कार्यालय द्वारा जारी नहीं किया गया है और फर्जी है।
मुख्य अभियंता बीएल गुप्ता ने बताया कि फर्मों का कृत्य निविदा शर्तों एवं शासकीय नियमावलियों का घोर उल्लंघन करता है। साथ ही शासन संस्था को गुमराह करते हुए धोखाधड़ी एवं कूटरचना करने के अंतर्गत आता है।
इसलिए फर्मो को काली सूची में डाल दिया गया। इनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के लिए नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल द्वारा पुलिस आयुक्त को पत्र भी लिखा गया है। इंस्पेक्टर हरीपर्वत नीरज शर्मा ने बताया कि अभी कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है।

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