जनता के लिए खुले समाध के द्वार, अब खूब करें दीदार
-लंबे समय से बंद होने व काम पूरा होने के बाद दर्शन की थी उत्सुकता -स्वामीबाग में है राधास्वामी मत के प्रवर्तक स्वामीजी महाराज की समाध
आगरा: राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की स्वामीबाग स्थित पवित्र समाध के द्वार मंगलवार से जनता के लिए खोल दिए गए। लंबे समय से बंद होने व काम पूरा होने के बाद समाध के दर्शन की उत्सुकता लोगों में नजर आई। दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
स्वामीबाग में स्वामीजी महाराज की पवित्र समाध का निर्माण वर्ष 1904 में शुरू हुआ था। 114 वर्षो के इंतजार के बाद समाध का काम इसी वर्ष पूरा हुआ है। समाध के गुंबद पर स्वर्ण कलश 24 अगस्त को लगाया गया था। यह संयोग ही है कि इसी दिन स्वामीजी महाराज के जन्म के 200 वर्ष पूरे हुए थे। समाध पर 31 अगस्त से छह सितंबर तक मनाए गए द्वि-शताब्दी समारोह में देश-विदेश से आए करीब 30 हजार सत्संगियों ने भाग लिया था। समाध के काम के चलते एक वर्ष से अधिक समय से स्वामीबाग में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगी हुई थी। मंगलवार को समाध के द्वार सभी लोगों के लिए सुबह 10 बजे खोल दिए गए। गेट नंबर पांच से पहचान पत्र देखने के बाद लोगों को समाध परिसर में प्रवेश दिया गया। उन्हें मोबाइल फोन, गुटखा, तंबाकू, सिगरेट, सुपाड़ी आदि ले जाने की अनुमति नहीं दी गई।
दिनभर में डेढ़ हजार से अधिक लोगों ने समाध के दर्शन किए। समाध के अद्भुत स्वरूप को देख वह चकित नजर आए। समाध के दर्शन करने आए लोगों को प्रसाद वितरित किया गया। शाम चार बजे समाध के द्वार बंद कर दिए गए। आठ नवंबर को बाबूजी महाराज के भंडारे के चलते समाध में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इसमें केवल सत्संगी ही शामिल हो सकेंगे।