ताजमहल के बाद आगरा में एक और अजूबा, राधास्वामी समाध का भव्य स्वरूप
-भव्य प्रवेश द्वार पर काम जारी, अभी खुलने में लगेगा समय -24 अगस्त को स्थापित किया गया था समाध के शीर्ष पर कलश
आगरा: राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की स्वामीबाग स्थित पवित्र समाध। समाध पर कलश स्थापना के बाद पाड़ (स्केफोल्डिंग) खुलते ही उसका भव्य स्वरूप नजर आने लगा है। समाध के गुंबद पर की गई पच्चीकारी दूर से ही नजर आ रही है। अब तक पाड़ बंधी होने से समाध का गुंबद ढंग से नहीं दिखता था।
राधास्वामी मत के प्रवर्तक स्वामीजी महाराज का द्वि-शताब्दी समारोह 31 अगस्त से छह सितंबर तक स्वामीबाग में मनाया गया था। इससे पूर्व समाध के शीर्ष पर 24 अगस्त को कलश स्थापना की गई थी। इसके साथ ही मुख्य गुंबद के चारों ओर बंधी पाड़ को खोलना शुरू कर दिया गया था। पाड़ अब पूरी तरह से खोली जा चुकी है। इससे उसके पीछे छिपा पवित्र समाध का पूरा स्वरूप निखरकर सामने आ गया है। समाध के गुंबद पर की गई पच्चीकारी का काम देखते ही बन रहा है।यहां समाध के सामने बनाए गए गेटों पर काम किया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद ही समाध को आम लोगों के लिए खोला जाएगा। करीब डेढ़ वर्ष से अधिक समय से समाध अन्य लोगों के लिए बंद चल रही है।
यह समाध 114 साल में बनकर तैयार हुई है। इतने लंबा समय दुनिया के अन्य किसी निर्माण में नहीं लगा है। यह इसका इतिहास है। सफेद संगमरमर से दमकती समाध आकर्षण का केंद्र है। ताजमहल के बाद आगरा में दूसरा ऐतिहासिक आकर्षण है। आठ को होगा भंडारा
स्वामीबाग में आठ नवंबर को बाबूजी महाराज का भंडारा होगा। इसमें स्वामीबाग में निवास करने वाले सत्संगी शामिल होंगे।