ताजनगरी में गूंजी बेटा समझाओ- बेटी बचाओ की गूंज, सैंकड़ों ने किया पैदल मार्च Agra News
स्मृति संस्था और रेनबो हाॅस्पिटल के तत्वावधान में निकली रैली। सामाजिक संस्थाओं सहित छात्र- छात्राओं ने लिया भाग।
आगरा, जागरण संवाददाता। हैदराबाद और उन्नाव, देश में लड़कियों के खिलाफ हाल में हुए जघन्य अपराधों से रोष है। यही वजह है कि इस बार 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के साथ आगरा में 'बेटा समझाओ-बेटी बचाओ' और 'अब बस, और नहीं...', के नारों की गूंज भी सुनाई दी। बेटियों के हक में बेटों ने भी आवाज उठाई।
स्मृति संस्था और रेनबो हाॅस्पिटल के तत्वावधान में हर साल आगरा में नव वर्ष का आगाज बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश जन-जन तक पहुंचाकर किया जाता है। मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, सामाजिक संगठनों के लोग, डाॅक्टर और स्कूल-काॅलेजों के छात्र-छात्राएं सड़क पर निकले। हाथ में ‘बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘ अभियान से जुड़े बेटी को अधिकार दो, बेटों जैसा प्यार दो..., बदलो अपनी सोच, बेटी नहीं है बोझ..., नजरें बदलो नजारे बदलेंगे, सोच बदलो सितारे बदलेंगे.. , जिस घर में बेटी का सम्मान, वह घर होता स्वर्ग समान..., बेटी नहीं है किसी से कम, बेटी से मिलेगा देश को दम, बेटी बढ़ेगी, देश बढ़ेगा..., बेटी नहीं है किसी से कम, मिटा दो अपने सारे भ्रम..., हर घर में आवाज उठेगी, बेटियां भी अब आगे बढेंगी..., हर बेटी की यही पुकार, हमारे जीवन में करो सुधार... आदि संदेश लिखीं तख्तियां, बैनर, स्टीकर हाथ में लेकर चल रहे थे।
इससे पूर्व रैली का शुभारंभ रेनबो हाॅस्पिटल के मुख्य द्वार से मुख्य अतिथि शक्ति सिंह(वरिष्ठ आइपीएस लवकुमार की धर्मपत्नी), गुरूद्वारा गुरू का ताल के संत बाबा प्रीतम सिंह, रेनबो ग्रुप के चेयरमैन डा. आरएम मल्होत्रा, रेनबो आईवीएफ कीं निदेशक डा. जयदीप मल्होत्रा, वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डा. आरसी मिश्रा और रेनबो हाॅस्पिटल के निदेशक व स्मृति संस्था के अध्यक्ष डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने हरी झंडी दिखाकर किया। शक्ति सिंह और बाबा प्रीतम सिंह ने अपने शब्दों से सामाजिक और बेटा-बेटी के भेदभाव को खत्म करने की बात कही। डा. जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि नए भारत की लड़कियां अब बहुत आगे निकल गई हैं। समाज बदल रहा है, हालांकि अभी और सुधार की जरूरत है। शिक्षा से लेकर राजनीति और व्यापार से लेकर खेलों तक आज बेटियों ने खुद को अव्वल साबित किया है। डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि महिलाओं के प्रति सोच बदलने की जरूरत है। सोच बदलेगी तो समाज बदलेगा। स्मृति संस्था कीं निदेशक डा. निहारिका मल्होत्रा ने कहा कि आज से 10 वर्ष पूर्व मेरे पिता ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था, लेकिन आज 10 साल बाद हम देखते हैं कि बेटियां पढ़ तो रही हैं, लेकिन बच नहीं रही हैं। यही वजह है कि 10 साल बाद हमने इसे बदलकर बेटा समझाओ-बेटी बचाओ का नारा बुलंद किया है। रैली गुरूद्वारा गुरू का ताल पहुंचकर संपन्न हुई, जहां सर्वश्रेष्ठ संदेश लिखी तख्तियों के आधार पर छात्रों को पुरस्कृत किया गया।
बेटी को अधिकार दो, बेटों जैसा प्यार दो...
सहयोगी संस्थाओं में क्लब 35 प्लस कीं अशु मित्तल, उपनिषद कीं नूतन बजाज, एओजीएस के डा. अनुपम गुप्ता, लायंस क्लब प्रयास के विनीत खेड़ा, लीडर्स आगरा के सुनील जैन, एयर सिक्स ब्रीथ प्योर के इंदर मैनी, साक्षी विद्यार्थी, टीम रेडिया सिटी, टीम सत्यमेव जयते, माईसेम सीमेंट के राकेश खंडेलवाल आदि ने गुरूद्वारा गुरू का ताल परिसर में संगोष्ठी के दौरान बेटा और बेटी में फर्क खत्म करने की लोगों से अपील की। कहा कि बेटी को भी पूरे अधिकार दें और उन्हें भी बेटों की तरह ही प्यार दें।
छात्रों का बढ़ाया मनोबल
वरिष्ठ चिकित्सकों में डा. वंदना कालरा, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डा राजीव लोचन शर्मा, डा. केशव मल्होत्रा, डा मनप्रीत शर्मा, डा. शैमी बंसल, डा. हिमांशु यादव, डा. विश्वदीपक, डा. शैली गुप्ता, एक पहल के मनीष राय, सेंट मैरी इंटर काॅलेज के अरूण कुमार, शिवालिक कैम्ब्रिज काॅलेज और शिवालिक पब्लिक स्कूल कीं रूचि जैन, मिडास एकेडमी के कृष्णा, एचआर इंटर काॅलेज के दिनेश वर्मा, श्री जय भारती विद्या मंदिर कीं साधना गोयल, रेनबो हाॅस्पिटल के महाप्रबंधक राकेश आहूजा, अमृतपाल सिंह चड्ढा, लवकेश गौतम, सुदीप पुरी, तरूण मैनी, राजीव भसीन आदि ने छात्र्ाों का उत्साहवर्धन किया। व्यवस्थाएं केशवेंद्र सिसौदिया, विश्वदीपक, नवनीत उपाध्याय, जगमोहन गोयल, धर्मेंद्र सिंह, आदित्य रावत, विशाल, मनोज, सचिन, संजू आदि ने संभालीं।