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Crime Control: अपने दावे भूली आगरा पुलिस, बड़े केस के बड़े दावों की इस तरह निकली हवा

Crime Control कुछ मामलों में माफिया नहीं बने तो कुछ में सरगना तक नहीं पहुंची पुलिस। हाइप्रोफाइल मामलों में शुरुआती औपचारिकता के बाद अटकी जांच। कोख के सौदागर से लेकर नशीली दवाओं तक में नहीं पूरी हो सकी है जांच।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 05:34 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 05:34 PM (IST)
Crime Control: अपने दावे भूली आगरा पुलिस, बड़े केस के बड़े दावों की इस तरह निकली हवा
आगरा पुलिस ने नहीं की बड़े मामलों में पूरी पड़ताल।

कुछ मामलों में माफिया नहीं बने तो कुछ में सरगना तक नहीं पहुंची पुलिस। हाईप्रोफाइल मामलों में शुरुआती कार्रवाई के बाद अटकी जांच। 

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आगरा, यशपाल चौहान। ये आगरा पुलिस है। दावे तो बहुत करती है, लेकिन इनको पूरा करने में हाथ तंग है। पिछले दिनों जो मामले सुर्खियों में रहे उनमें बड़े-बड़े दावे किए गए। मगर, असल में अभी तक उन दावों को पूरा करने को काम भी धरातल पर शुरू नहीं हुआ। जागरण ने ऐसे ही कुछ हाईप्रोफाइल मामलों किए गए दावों की पड़ताल की तो यही हकीकत सामने आई।

कोख के सौदागरों का गैंग

19 जून को फतेहाबाद क्षेत्र में कोख के सौदागरों के गैंग से जुड़ी फरीदाबाद की नीलम, रूबी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनसे दो नवजात बच्चियां भी बरामद हुईं। पुलिस का दावा था कि यह गैंग दिल्ली, फरीदाबाद अवैध सरोगेसी से बच्चे पैदा करके विदेशों में बेचता है। इस गैंग की सरगना नेपाल में रहने वाली अस्मिता है। गैंग से जुड़े चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दो और बच्चों को सिलीगुड़ी के रास्ते नेपाल में बेचने की बात सामने आई। मगर, पुलिस इनको बरामद नहीं कर सकी। सरगना अस्मिता अभी तक फरार है। मगर, अब पुलिस ने सरगना की तलाश भी बंद कर दी है।

नशीली दवाओं की तस्करी करने वाला गैंग

पंजाब के बरनाल में पुलिस ने इस गैंग के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया। इसके बाद 25 जुलाई को कमला नगर से गैंग के सरगना जितेंद्र उर्फ विक्की अरोड़ा और उसके भाई कपिल अरोड़ा को गिरफ्तार किया। यह गैंग भारत के 11 राज्यों के अलावा कई अन्य देशों में नशीली दवाओं की तस्करी करता था। आगरा पुलिस ने उस समय दावा कि इस गैंग की संपत्ति जब्त की जाएगी। साथ ही दोनों भाइयों को दवा माफिया घोषित किया जाएगा। दो माह पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

बस अपहरण कांड का आरोपित नहीं बना परिवहन माफिया

मलपुरा क्षेत्र से 18 अगस्त को यात्रियों से भरी बस अपहरण कांड का मुख्य आरोपित जैतपुर निवासी प्रदीप गुप्ता है। वह अभी जेल में है। पुलिस ने कहा था कि उसे परिवहन माफिया घोषित कराया जाएगा। साथ ही उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। उसके गैंग के दस और साथी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। मगर, प्रदीप गुप्ता को परिवहन माफिया बनाने की कार्रवाई शुरू नहीं हुई। जैतपुर थाना पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई मलपुरा थाना से होनी है। मलपुरा थाना पुलिस कह रही है कि अभी यह कार्रवाई की जाएगी। अभी तक कहीं से कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। पुलिस ने शनिवार को प्रदीप गुप्ता की संपत्ति की जांच शुरू की है। तीन स्थानों से अब तक 17 बसें जब्त कर ली हैं। अब इनमें प्रदीप की हिस्सेदारी की जांच की जा रही है।

सभी मामलों में कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। अब रिव्यू किया जाएगा। इसके बाद आवश्यक कार्रवाई कराई जाएगी।

बबलू कुमार, एसएसपी 


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