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मरीजों की उखड़ी सांस, डाक्टर के लिए भटकते रहे तीमारदार

जूडा का कार्य बहिष्कार ओपीडी के बाद 223 जूनियर डाक्टरों ने वार्ड में काम करना किया बंद इमरजेंसी में ही काम कर रहे जूनियर डाक्टर

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 11:41 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 11:41 PM (IST)
मरीजों की उखड़ी सांस, डाक्टर के लिए भटकते रहे तीमारदार
मरीजों की उखड़ी सांस, डाक्टर के लिए भटकते रहे तीमारदार

आगरा, जागरण संवाददाता। सरोजनी नायडू मेडिकल कालेज एसएन के जूनियर डाक्टरों ने ओपीडी के बाद शुक्रवार से वार्ड में भी काम बंद कर दिया। इससे मरीजों की सांस उखड़ने पर तीमारदार वार्ड में डाक्टर को बुलाने के लिए भटकते रहे। जूनियर डाक्टरों ने इमरजेंसी में ही काम किया।

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नीट पीजी 2021 की काउंसलिग कराने की मांग को लेकर देश भर में जूनियर डाक्टर ने ओपीडी के बाद वार्ड में भी कार्य बहिष्कार कर दिया। सुबह 10 बजे जूनियर डाक्टर वार्ड का काम बंद कर ओपीडी के बाहर एकत्रित हुए। यहां से एमसीएच बिल्डिग के सामने आए गए और महात्मा गांधी के फोटो पर माल्यार्पण कर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

उधर, मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, अस्थि रोग, बाल रोग, टीबी एंड चेस्ट, स्त्री रोग विभाग के वार्डों में करीब 510 मरीज भर्ती थे। सुबह ओपीडी में डाक्टर और सीनियर रेजीडेंट मरीजों को परामर्श दे रहे थे। दस बजे के बाद वार्ड में दो से तीन घंटे के लिए डाक्टर नहीं रहे। इससे भर्ती मरीजों के इलाज में समस्या आने लगी। मरीज की तबीयत बिगड़ने पर वार्ड के बाहर जूनियर डाक्टर नहीं मिले। ऐसे में तीमारदार वार्ड में डाक्टर को बुलाने के लिए भटकते रहे। वार्ड के बाहर डाक्टर की टेबल खाली थी, ऐसे में तीमारदारों को डाक्टर कक्ष में फाइल लेकर जाना पड़ा। शाम को हालात और बिगड़ गए, वार्ड में सीनियर रेजीडेंट और नान पीजी जूनियर डाक्टरों ने मरीजों का इलाज किया। मरीजों की संख्या अधिक होने से तबीयत बिगड़ने पर 30 से 45 मिनट में डाक्टर आ सके।

ओपीडी में मरीजों की संख्या रही कम

जूनियर डाक्टरों ने ओपीडी में भी काम नहीं किया। शुक्रवार को ओपीडी में मरीजों की संख्या कम रही। ओपीडी में 1800 से 2000 मरीज परामर्श लेने पहुंचते हैं। यहां ओपीडी में 1266 मरीज परामर्श लेने के लिए आए।

तबीयत बिगड़ने पर वार्ड में कोई जूनियर डाक्टर नहीं मिला, नर्स से कहा तो उन्होंने डाक्टर के पास जाने के लिए कह दिया। एक घंटे बाद डाक्टर मिले।

अमित सिंह, खंदौली वार्ड में जूनियर डाक्टर रहते थे, जिससे तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बताने पर मरीज को देख लेते थे। चार घंटे तक वार्ड में कोई डाक्टर नहीं रहा।

प्रमोद कुमार, रामबाग ओपीडी के बाद वार्ड में भी काम बंद कर दिया है। इमरजेंसी में जूनियर डाक्टर काम कर रहे हैं। शनिवार को भी वार्ड में काम नहीं किया जाएगा।

डा. अनुराग मोहन, अध्यक्ष फेडरेशन रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन, आगरा

वार्ड में डाक्टर, सीनियर रेजीडेंट और नान पीजी जूनियर डाक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है, जिससे मरीजों को परेशानी न हो।

डा. प्रशांत गुप्ता, प्राचार्य एसएन मेडिकल कालेज

ये है हाल

एसएन में बेड की संख्या -950 वार्ड में भर्ती मरीज - करीब 510

जूनियर डाक्टर - 223

ओपीडी में आए मरीज - 1266


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