स्वच्छता सर्वेक्षण-2020: विशाखापट्टनम को पछाड़ आगरा ने पकड़ी रफ्तार, बना नंबर वन Agra News
31 जनवरी तक चलेगा सर्वेक्षण विशाखापट्टनम को पीछे छोड़ा
आगरा, जागरण संवाददाता। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के सिटीजन फीडबैक में आगरा ने विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) को पीछे छोड़ दिया है। आगरा नंबर वन पर पहुंच गया है। इससे पूर्व आगरा तीसरे नंबर पर था। यह जनसंख्या की श्रेणी में है।
शहरी विकास मंत्रालय के आदेश पर स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 का अंतिम चरण चल रहा है। 31 जनवरी तक सिटीजन फीडबैक लिया जाएगा। यह दो हजार अंक का है जिसमें स्वच्छता संबंधी सात सवाल पूछे जा रहे हैं। जिनका जवाब हां या ना में देना है।
अपर नगरायुक्त केबी सिंह ने बताया कि जनसंख्या श्रेणी के हिसाब से आगरा देश में पहले पायदान पर है। यहां के 28 फीसद लोगों ने सिटीजन फीडबैक दिया है। वहीं दूसरे नंबर पर संयुक्त रूप से लखनऊ व गाजियाबाद 22 फीसद, तीसरे नंबर पर विशाखापट्टनम 17 फीसद लोगों ने फीडबैक दिया है।
घोषित हो चुकी हैं रैंक
पिछले माह स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 की पहले और दूसरे राउंड की रैंक घोषित हुई थी। पहले राउंड में देश में आगरा 23वें और दूसरे में 28वें नंबर पर था।
अब तक हुए स्वच्छता सर्वेक्षण
- 2016:देश के 75 शहरों में आगरा 45वें स्थान पर रहा।
- 2017: देश के 420 शहरों में आगरा 263वें स्थान पर रहा।
- 2018: देश के चार हजार शहरों में आगरा 102 नंबर पर रहा।
-2019: देश के चार हजार से अधिक शहरों में आगरा 85वें स्थान पर रहा।
यह किए जा रहे प्रयास
नगरायुक्त अरुण प्रकाश ने बताया कि सभी सरकारी कार्यालयों, गैर सरकारी सहित अन्य, स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं सभी पार्षदों से कहा गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में फीडबैक को तेजी से बढ़वाएं।
शहर में कचरे का बंदोबस्त
- शहर के 100 वार्ड से हर दिन साढ़े सात सौ एमटी कूड़ा निकलता है।
- 2018 नवंबर से गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग निस्तारित करना शुरू किया गया था।
-02 लाख रुपये की आय पहले महीने हुई थी नगर निगम को। यह अब 12 लाख तक पहुंच गई है।
-60 मीट्रिक टन सूखा कूड़ा हर दिन 25 कैटेगरी में अलग किया जाता है।
-30 मीट्रिक टन गीले कूड़े से हर दिन खाद बन रही है।
- 20 एमटी का एक प्लांट कुबेरपुर में, धांधूपुरा में पांच एमटी का, राजनगर में चार एमटी के दो, आइएसबीटी में एक एमटी का एक प्लांट लगा हुआ है।
- 15 लाख रुपये में एक हजार मीट्रिक टन खाद कृभको को उपलब्ध कराने का आर्डर मिला है।
-70 हजार घरों में चार मीट्रिक टन खाद बन रही है। यह दावा नगर निगम का है।
-8.6 मीट्रिक टन खाद शहर की बड़ी डेयरी में हर दिन तैयार की जा रही है।
- 110 मीट्रिक टन मलबा हर दिन निगम कलेक्ट करता है।