ताज से दाग मिटाने का काम शुरू
जागरण संवाददाता, आगरा: संगमरमरी ताज के हुस्न पर कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा छोड़े गए दाग मिटाने का का
जागरण संवाददाता, आगरा: संगमरमरी ताज के हुस्न पर कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा छोड़े गए दाग मिटाने का काम शुरू हो गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआइ की रसायन शाखा ने पानी और मडपैक ट्रीटमेंट कर दाग साफ किए हैं। हालांकि, अधिक ऊंचाई पर लगे दाग साफ नहीं किए जा सके हैं।
ताजमहल की यमुना किनारा की तरफ स्थित आर्च में पिछले सप्ताह यमुना की गंदगी में पनपे कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस ने गंदगी के दाग लगा दिए थे। स्मारक की बेमिसाल पच्चीकारी पर गहरे भूरे व काले रंग के धब्बे लग गए थे। इससे ताज का सौंदर्य बदरंग हो उठा था। शुक्रवार को हुई बारिश के बाद गंदगी के पानी में घुलने की वजह से ताज की दीवार के साथ फर्श पर भी हरे रंग के दाग बन गए थे। देखने में यह काफी गंदे लग रहे थे। इससे देस-विदेश से आने वाले पर्यटकों में स्मारक की छवि खराब हुई थी। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। एएसआइ की रसायन शाखा ने मंगलवार को ताज पर गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा छोड़े गए गंदगी के दागों को साफ कर दिया। इसके लिए डिस्टिल वाटर के साथ जरूरत के अनुसार मडपैक ट्रीटमेंट (मुल्तानी मिट्टी का लेप) भी किया गया।
अधीक्षण पुरातत्व रसायनज्ञ डॉ. एमके भटनागर ने बताया कि अधिकांश दाग साफ कर दिए गए हैं। ऊंचाई पर कुछ जगह हल्के दाग लगे हैं। उन्हें बाद में साफ किया जाएगा।
यमुना की दशा में सुधार होना जरूरी
ताज की सतह पर गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा छोड़े गए दाग धोकर साफ कर दिए गए हैं, लेकिन यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। जब तक यमुना की दशा में सुधार नहीं होगा, तब तक उसकी गंदगी में यह कीड़ा पनपता रहेगा। लगातार तीसरे साल उसने ताज का यह हाल किया है। एएसआइ की रसायन शाखा ने दो वर्ष पूर्व दी गई रिपोर्ट में यमुना में ड्रेजिंग की जरूरत बताई थी, मगर उसकी दशा में सुधार को कोई कदम नहीं उठाया गया। जिससे एक बार फिर यमुना में पनपा कीड़ा ताज की सतह पर दाग लगा रहा है।