अलविदा श्रीदेवी: अब यादों में रहेगा वो 50 किमी का सफर
जागरण संवाददाता,आगरा: सिने तारिका श्रीदेवी यूं तो आगरा में कई बार आई, लेकिन चार साल पहले का उनका 50 किलोमीटर का सफर आज भी लोगों के जेहन में है। आठ अप्रैल 2014 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर सीकरी से रालोद प्रत्याशी अमर सिंह के समर्थन में सिने अभिनेत्री ने खुली जीप में रोड शो किया था। उनकी एक झलक पाने को सड़क पर लोगों की भीड़ लगी रही। उनके निधन की खबर मिलते ही ताजनगरी को गहरा आघात लगा है।
जागरण संवाददाता,आगरा:
सिने तारिका श्रीदेवी यूं तो आगरा में कई बार आई, लेकिन चार साल पहले का उनका 50 किलोमीटर का सफर आज भी लोगों के जेहन में है। आठ अप्रैल 2014 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर सीकरी से रालोद प्रत्याशी अमर सिंह के समर्थन में सिने अभिनेत्री ने खुली जीप में रोड शो किया था। उनकी एक झलक पाने को सड़क पर लोगों की भीड़ लगी रही। उनके निधन की खबर मिलते ही ताजनगरी को गहरा आघात लगा है।
रोडशो में सिने तारिका के साथ उनके पति बोनी कपूर भी थे। सूरज की तपिश थी और सुबह 11 बजे से ही लू के थपेड़े से लगने लगे थे। ऐसे में वे ग्वालियर रोड पर स्थित रोहता नगर से अमर सिंह के साथ खुली जीप में सवार हो गई। फिल्मों में खुली जीप में चलने के सीन भले ही उन्होंने किए हों, लेकिन टूटी सड़कों पर तेज धूप और धूल के बीच इतने लंबे सफर का उनका संभवत: पहला अनुभव रहा होगा। सैंया में कई जगह पहले से तैयार खड़े युवा, बुजुर्ग और महिलाओं ने उन पर फूल बरसाए तो उनका भी चेहरा खिल गया। हाथ हिलाकर अभिवादन करके उनका काफिला आगे निकल लिया। करीब दो घंटे का सफर पूरा करने के बाद सुनसान सड़क आने पर उन्होंने साथ चल रही वैनिटी वेन में कुछ किमी का सफर तय किया। इसके बाद फिर खुली जीप में उसी ऊर्जा के साथ बैठ गई। इरादत नगर में उनका काफिला पहुंचा तो पूरा बाजार जाम हो गया। वहां रुककर एक मकान में उन्होंने टॉयलेट का इस्तेमाल किया। थोड़ी देर के लिए उनके जीप से उतरकर मकान में जाने पर वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। श्रीदेवी की एक झलक पाने को लोग बेताब थे। उन्हें वहां निकालने को पुलिस को बहुत मशक्कत करनी पड़ी। यहां से फिर से वे खुली जीप में बैठीं और शमसाबाद के गढ़ी सक्कन पहुंचते ही लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। शाम करीब पांच बजे उनका रोड शो फतेहाबाद पहुंच गया। यहां से काफिले को बाह तक जाना था। मगर, सूरज की तपिश, धूल और टूटी सड़कों पर 50 किमी का सफर छह घंटे में तय करने के बाद उन्होंने जाने से इन्कार कर दिया। रविवार को सुबह जैसे ही उनके निधन की खबर मिली तो ताजनगरी के लोगों को गहरा सदमा लगा। सभी उनके इस सफर की चर्चा करते रहे।