एक डॉक्टर चला रहा 100 हॉस्पिटल
क्या दिन आ गए हैं। मरीजों के भगवान डॉक्टरों को अपनी डिग्री किराए पर देनी पड़ी वह भी झोलाछापों को। अलीगढ़ के एक डॉक्टर के नाम से 100 से अधिक पंजीकरण हैं। इसमें कई आगरा में भी हैं।
जागरण संवाददाता, आगरा: क्या दिन आ गए हैं। मरीजों के भगवान डॉक्टरों को अपनी डिग्री किराए पर देनी पड़ी वह भी झोलाछापों को। अलीगढ़ के एक डॉक्टर के नाम से 100 से अधिक पंजीकरण हैं। इसमें कई आगरा में भी हैं।
आगरा में भी झोलाछाप सीएमओ कार्यालय में डॉक्टर के नाम से हॉस्पिटल, पैथोलॉजी सेंटर और क्लीनिक का पंजीकरण करा मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
24 घंटे रहने का नियम
अस्पताल के पंजीकरण में डॉक्टर की डिग्री लगाई जाती है। वह वहां 24 घंटे रहने का शपथ पत्र देता है। इसके बावजूद सीएमओ कार्यालय में झोलाछाप डाक्टर के नाम से हॉस्पिटल, पैथोलॉजी लैब का पंजीकरण करा लेते हैं।
मिलते 15 हजार माह
डॉक्टर इलाज करने इन अस्पतालों में नहीं जाते हैं। इन्हें पंजीकरण को डिग्री देने के एवज में 10 से 15 हजार रुपये प्रति माह झोलाछाप देते हैं। ऐसे करीब 25 से 30 डॉक्टर हैं, जिनके नाम से कई पंजीकरण हैं।
एक नाम से 15 पंजीकरण
शहर के एक डॉक्टर के नाम से 15 पैथोलॉजी सेंटर के पंजीकरण हैं। एक डॉक्टर के नाम से सात पंजीकरण हैं। करीब 15 डॉक्टरों के नाम से तीन से चार पंजीकरण हैं।
आइएमए के साथ मिलकर एक से अधिक सेंटर का अपनी डिग्री से रजिस्ट्रेशन कराने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कुछ डॉक्टरों के नाम से 10 से 15 पैथोलॉजी सेंटर का पंजीकरण है।
डॉ. मुकेश वत्स, सीएमओ
अपनी डिग्री से झोलाछाप का पंजीकरण करा रहे डॉक्टरों से अपील की जाएगी कि वे अपना नाम वापस ले लें, इसके बाद भी वे नाम वापस नहीं लेते हैं तो उनका बहिष्कार और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई कराई जाएगी।
डॉ. रवि पचौरी, अध्यक्ष आइएमए