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90 दिन तक निपाह वायरस का डर

आगरा: ताजनगरी में पर्यटकों से 90 दिन तक निपाह वायरस फैल सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 11:24 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 11:24 PM (IST)
90 दिन तक निपाह वायरस का डर
90 दिन तक निपाह वायरस का डर

जागरण संवाददाता, आगरा: ताजनगरी में पर्यटकों से 90 दिन तक निपाह वायरस फैल सकता है। केरल से ताजमहल घूमने आ रहे पर्यटक और आगरा से केरल गए लोगों से बीमारी फैल सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है। एसएन और जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाने के साथ बीमारी के लक्षण के लिए गाइड लाइन जारी की गई है।

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केरल में फैले निपाह वायरस के बाद कर्नाटक में भी संदिग्ध मरीज मिले हैं। देश-विदेश से केरल घूमते हुए पर्यटक ताजमहल का दीदार करने के लिए आते हैं। ऐसे पर्यटकों से बीमारी फैलने का खतरा है। एसएन के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि निपाह 60 से 90 दिन तक सक्रिय रहता है। यह तेजी से फैलता है और इलाज नहीं है। सीएमओ डॉ. मुकेश वत्स ने बताया कि निपाह के लिए अलर्ट किया गया है। एसएन और जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाने के साथ निजी अस्पतालों में भी बीमारी के लक्षण और रोकथाम के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं।

एसएन में सेफ्टी थ्री लेबल की लैब, नहीं हो सकेगी जांच

ताजनगरी में स्वाइन फ्लू के फैलने और बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने के बाद एसएन में सेफ्टी लेबल थ्री की लैब बनाई गई है। इस लैब में स्वाइन फ्लू सहित अन्य वायरस की जांच हो सकती है। मगर, निपाह वायरस बायो सेफ्टी लेबल फोर में आता है, इसकी जांच करते समय संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में निपाह वायरस की जांच एसएन की लैब में नहीं हो सकेगी, यहां से ब्लड और मुंह की लार के सैंपल लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजे जाएंगे। गुरुवार को माइक्रोबायोलॉजी विभाग में निपाह वायरस पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी। वायरस की दहशत में केरल टूर रद

गर्मी की छुट्टंी में शहर से तमाम लोग केरल घूमने के लिए जाते हैं, पिछले कुछ सालों से केरल टूर का क्रेज बढ़ा है। ऐसे में निपाह का संक्रमण फैलने के बाद लोगों ने टूर रद कर दिया है। केरल के लिए कराए गए रिजर्वेशन भी लोग कैंसल करा रहे हैं। ऐसे फैलता है निपाह

- निपाह वायरस संक्रमित सूअर और चमगादड़ के संपर्क में आने से फैल सकता है।

- निपाह वायरस संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से सांस के माध्यम और ड्रॉप लेट से स्वस्थ्य व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। ये करें

- भीड़भाड़ वाले इलाके सहित शहर से बाहर जाने से बचें। लोगों से नमस्कार करें, हाथ ना मिलाएं।

- संक्रमित व्यक्ति के पास एन 95 मास्क लगाकर ही जाएं।

ये हैं लक्षण

- तेज बुखार, सिर दर्द, पैरों में दर्द, पेट दर्द।

- इन्सेफलेटिक सिंड्रोम होने से तेज बुखार के साथ मरीज कोमा में चला जाता है।

- निपाह वायरस 60 से 90 दिन तक सक्रिय रहता है।

- लक्षण आने के 24 से 48 घंटे में मरीज कोमा में चला जाता है।

- 75 फीसद केस में मौत की आशंका रहती है।

- वायरस का संक्रमण होने के बाद रिबावरिन एंटी वायरल दी जाती है लेकिन रिजल्ट बहुत अच्छे नहीं हैं। निपाह के संक्रमण का इलाज और वैक्सीन नहीं है। एसएन और जिला अस्पताल के साथ ही निजी अस्पतालों में भी निपाह वायरस के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। पर्यटकों पर भी नजर रखी जाएगी।

डॉ. मुकेश वत्स, सीएमओ एसएन में बायो सेफ्टी लेबल थ्री लैब है, निपाह वायरस सेफ्टी लेबल फोर में आता है, संदिग्धों के सैंपल जांच के लिए एनआइवी, पुणे भेजे जाएंगे।

डॉ. अंकुर गोयल, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी विभाग एसएन 2014 के बाद से आ रहे हैं स्वाइन फ्लू के केस

स्वाइन फ्लू की तरह से ही संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में निपाह वायरस फैलता है। 2014 के बाद से स्वाइन फ्लू के लगातार केस आ रहे हैं, पर्यटकों के कारण फ्लू सहित वायरस संक्रमण फैलने के बाद खतरा बढ़ जाता है।

स्वाइन फ्लू के केस

2017 - 164 में स्वाइन फ्लू की पुष्टि, 467 संदिग्ध

2016 - एक की मौत, तीन में पुष्टि और 11 संदिग्ध

2015- सरकारी आंकड़े में चार स्वाइन फ्लू के केस, 50 से अधिक संदिग्ध

2014- सरकारी आंकड़े में 62 स्वाइन फ्लू के केस, 200 से अधिक संदिग्ध (निजी क्लीनिक पर 25 केस, दिल्ली में इलाज के दौरान कई मौत)।


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