पंद्रह मिनट में हर तरफ तबाही
आगरा: तूफान ने महज पंद्रह मिनट के अंदर ही जमकर कहर बरपाया। बुधवार रात एक बार फिर तूफान, बारिश और ओलों से शहर से लेकर देहात तक तबाही का मंजर दिखने लगा। इसकी चपेट में आकर दस से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। देर रात तक अलग-अलग इलाकों से लोगों के हताहत होने की खबरें आ रही थीं।
जागरण संवाददाता, आगरा: तूफान ने महज पंद्रह मिनट के अंदर ही जमकर कहर बरपाया। बुधवार रात एक बार फिर तूफान, बारिश और ओलों से शहर से लेकर देहात तक तबाही का मंजर दिखने लगा। इसकी चपेट में आकर दस से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। देर रात तक अलग-अलग इलाकों से लोगों के हताहत होने की खबरें आ रही थीं।
बुधवार रात करीब 9.30 बजे तूफान थमने के बाद से ही तबाही के निशान दिखने लगे थे। खेरागढ़ के नगला उदैया निवासी अर्जुन पुत्र भूप सिंह दीवार के नीचे दब गए। उन्हें निकाला गया, तब तक मौत हो गई। यहीं के डूंगरवाला गांव में 55 वर्षीय राजो पत्नी राजवीर अपने नाती के साथ घर में बैठी थीं। तभी दीवार गिरने से वे दब गई और मौत हो गई। दीवार के नीचे दबने से तीन अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस गांव के लिए निकली तो रास्ते में पेड़ पड़े होने के कारण फंसी रह गई। फतेहाबाद के जाजपुर निवासी 60 वर्षीय ओमदत्त पुत्र शिवचरन और बले का वास निवासी 60 वर्षीय रामवती की भी दीवार के नीचे दबकर मौत हो गई। खेरागढ़ के बुढ़ेरा निवासी चार वर्षीय विवेक और तीन वर्षीय देव दीवार के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं बाह के रुदमुली के कुलदीप सिंह की दीवार के नीचे दबकर मौत हो गई। सैंया के गांव कुकावर निवासी राजवीर और उसकी पत्नी माया मकान ढहने से गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं उनके तीन बच्चों 11 वर्षीय अंकी, आठ वर्षीय भोला और छह वर्षीय सन्नो की मकान के मलबे में दबकर मौत हो गई। जगह-जगह पेड़ गिरने से मार्ग बाधित होने के कारण देर रात खबर लिखे जाने तक पुलिस भी मदद के लिए वहां नहीं पहुंच सकी थी। वहीं शहर के एत्माद्दौला क्षेत्र के प्रकाश नगर में रहने वाले 52 वर्षीय सुभाष की दीवार के नीचे दबकर मौत हो गई। वहीं मलपुरा के मनिया निवासी छह वर्षीय बालक भूपेश भी दीवार गिरने से घायल हो गया। वहीं फतेहाबाद मार्ग पर वाजिदपुर के पास एक व्यक्ति पर पेड़ गिर गया। उसे गंभीर हालत में एसएन इमरजेंसी में रैफर कर दिया गया।
टूट गया पिछला रिकार्ड
जिले में 11 अप्रैल को 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तूफान आया था। इससे 24 साल का रिकॉर्ड टूट गया था। तब एक घंटे के भीतर 80 एमएम बारिश हुई थी। बुधवार रात आठ बजे मौसम ने एकदम पलटा खाया। तूफान के साथ ओले गिरने शुरू हो गए। तूफान आने के समय बाजारों में खासी भीड़ थी। तूफान से होर्डिग्स टूट कर दूर जा गिरे। इससे बाजारों और रास्तों में मौजूद लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कमिश्नरी, डीएम कैंप कार्यालय, एडीएम वित्त के आवास, एमजी रोड, बालूगंज रोड, नेशनल हाईवे टू, जयपुर हाईवे, ग्वालियर रोड, फतेहाबाद रोड व शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों पेड़ टूट गए। कई मकानों की दीवारें गिर गईं व बिजली के पोल भी टूट गए। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. जेपी गुप्ता ने बताया कि तूफान के दौरान हवा की रफ्तार 132 किमी प्रति घंटा थी। तेजी से बन रहा कम वायु दाब का क्षेत्र
मौसम विज्ञानी डॉ. पवन सिसौदिया का कहना है कि यूपी-राजस्थान के बार्डर पर तेजी से कम वायु दाब का क्षेत्र बन रहा है। इसी के चलते ही एक माह के भीतर कई बार आंधी व बेमौसम बारिश की मार पड़ चुकी है। 39.3 डिग्री से. पर पहुंचा दिन का तापमान
बुधवार दिन भर गर्मी से लोग परेशान रहे। कुछ देर के लिए बादल आए, लेकिन इससे कोई राहत नहीं मिली। तेज धूप के चलते दिन के तापमान में 1.7 डिग्री से. की बढ़ोतरी हुई और यह 39.3 डिग्री से. पर पहुंच गया। वहीं रात के तापमान में ज्यादा बदलाव नहीं आया। यह 26.2 डिग्री से. रहा।
इंतजाम ध्वस्त, जल भराव से परेशान हुए लोग
जासं, आगरा : बुधवार रात एक घंटे में 38 एमएम बारिश हुई। मूसलाधार बारिश से शहर के विभिन्न क्षेत्रों और कालोनियों में पानी भर गया। नगर निगम के सभी इंतजाम फेल हो गए। कहीं पंपसेट नहीं चले तो कहीं कर्मचारी नहीं पहुंचे। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तेज बारिश के चलते नाले-नालियां चोक हो गए। नालबंद नाला, मंटोला, टीबी हॉस्पिटल नाला सहित अन्य ने बैक मारना शुरू कर दिया। इससे लोगों के घरों में पानी भर गया। इसकी शिकायत जल संस्थान और नगर निगम के अफसरों से की गई, लेकिन अफसर कोई मदद नहीं कर सके। बारिश के चलते सूरसदन, सेंट जोंस, बिजलीघर, बालाजीपुरम सहित अन्य क्षेत्रों में पानी भर गया। कई जगहों पर कर्मचारी पंपसेट को चलाने के लिए नहीं पहुंचे तो कुछ जगह इसमें खराबी आ गई।
फतेहाबाद में सबसे अधिक नुकसान
तूफान से सबसे अधिक नुकसान फतेहाबाद में हुआ है। एडीएम वित्त एवं राजस्व राकेश कुमार ने बताया कि तूफान थमने के बाद सभी तहसीलदारों से जानकारी ली गई। सबसे अधिक नुकसान फतेहाबाद तहसील में हुआ है। उन्होंने बताया कि गुरुवार से दैवीय आपदा से हुए नुकसान का सर्वे शुरू होगा।
खेरागढ़ से 19 घायल रेफर किए
देर रात तक खेरागढ़ सीएचसी पर घायलों के आने का सिलसिला जारी था। रात 12.30 बजे तक सीएचसी से 19 घायलों को आगरा रेफर किया जा चुका था। इनमें से आधा दर्जन की हालत गंभीर थी।