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उपकरणों और सामग्री की खरीद में घपला

आगरा: नगर निगम में एक और घोटाले की पटकथा लिखी गई है। चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए निगम के विद्युत एवं यांत्रिक विभाग में पुराने क्रय आदेश पर उपकरणों और सामग्री की खरीद हुई है। लाखों रुपये के बिल वित्त विभाग में भेजे गए। मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी ने बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी है। घपला सामने आने के बाद अफसरों ने चुप्पी साध ली है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 05:00 AM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 05:00 AM (IST)
उपकरणों और सामग्री की खरीद में घपला
उपकरणों और सामग्री की खरीद में घपला

जागरण संवाददाता, आगरा: नगर निगम में एक और घोटाले की पटकथा लिखी गई है। चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए निगम के विद्युत एवं यांत्रिक विभाग में पुराने क्रय आदेश पर उपकरणों और सामग्री की खरीद हुई है। लाखों रुपये के बिल वित्त विभाग में भेजे गए। मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी ने बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी है। घपला सामने आने के बाद अफसरों ने चुप्पी साध ली है।

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शासन के आदेश हैं कि प्रत्येक वित्तीय साल में स्वीकृत दरों की रेट लिस्ट जारी की जाए। क्रय आदेश में बदलाव जरूरी है। क्योंकि कई बार सामग्री सहित अन्य सामान सस्ता हो जाता है। वित्तीय साल 2017-18 में टेंडर आमंत्रित किए और क्रय आदेश की लिस्ट घोषित की गई। विद्युत एवं यांत्रिक विभाग ने लाखों रुपये की सामग्री, उत्पाद व उपकरणों की खरीद की। बिजली के उपकरणों, डस्टबिन, ठेल गाड़ी, ट्रिपर सहित अन्य शामिल हैं। लाखों रुपये का सामान खरीदा गया, लेकिन विद्युत एवं यांत्रिक विभाग के अफसरों ने इस वित्तीय साल (वर्ष 2018-19) में खेल किया। नए टेंडर जारी नहीं किए गए और पुरानी क्रय लिस्ट को ही गुपचुप तरीके से अपना लिया गया। फिर लाखों रुपये के विभिन्न सामान व उपकरणों की खरीद हो गई। इसकी भनक किसी को भी नहीं लगी। यहां तक इनके बिल तैयार हो गए। यह सब कार्य अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया। बिलों को भुगतान के लिए वित्त विभाग भेज दिया गया, लेकिन मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी ने बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी। पिछले वित्तीय साल की लिस्ट के आधार पर इस साल सामान व उपकरणों की खरीद को गलत ठहराया।

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सफाई कम, खराब अधिक हुई मशीन

भूमिगत नाला हरीपर्वत की सफाई अभी तक अधूरी है। नाला की सफाई करने वाली मशीन तीन सप्ताह से खराब पड़ी हुई है। दिल्ली से इंजीनियरों को बुलाया गया है जो मशीन को ठीक कर रहे हैं। नाला सफाई पर 14 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। करीब 25 साल के बाद भूमिगत नाला हरीपर्वत से सूरसदन तक की सफाई कराई जा रही है। निजी कंपनी की यूरो-3 की सुपर शॉकर मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। पिछले माह सफाई का कार्य शुरू हुआ था। जिसका उद्घाटन मेयर नवीन जैन ने किया था। सफाई के पांचवें दिन ही मशीन खराब हो गई थी।

- नगर निगम में उपकरणों और सामग्री की खरीद में नियमों का पालन न करने की शिकायतें मिली हैं। इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं।

के. राम मोहन राव, मंडलायुक्त


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