धर्मनिरपेक्षता के कारण नहीं मिल रही ¨हदू धर्म की शिक्षा
आगरा: जगद्गुरु शकराचार्य ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर स्वामी स्वरुपानंद महाराज का कहना है कि वर्तमान समस्याओं का प्रमुख कारण धार्मिक शिक्षा का अंभाव है।
जागरण संवाददता, आगरा: वर्तमान समस्याओं का प्रमुख कारण धार्मिक शिक्षा का अंभाव है। अल्पसंख्यक समुदाय तो अपने-अपने धर्म की शिक्षा देते हैं, लेकिन धर्मनिरपेक्षता के कारण ¨हदू बालकों को धर्म की शिक्षा नहीं मिल पाती।
यह कहना है जगद्गुरु शकराचार्य ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर स्वामी स्वरुपानंद महाराज का। छत्तीसगढ एक्सप्रेस द्वारा ग्वालियर से दिल्ली जाते वक्त मंगलवार को आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर भक्तों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय को तो अपने धर्म की शिक्षा अपनी संस्थाओं द्वारा देने का अधिकार है, लेकिन धर्मनिरपेक्ष शासन के चलते हिंदू बालकों को अपने धर्म की शिक्षा नहीं मिल पा रही।
आज आवश्यक है कि हिंदू संगठित होकर अगली पीढ़ी को धर्म की शिक्षा दें। शासन धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए, व्यक्ति का धर्मनिरपेक्ष होना असंभव है। उन्होंने कहा कि जिस मनुष्य में परलोक और पुनर्जन्म में विश्वास होगा, वह बुरे कर्मो से बचेगा। आज धार्मिकता के अभाव ने ही मनुष्य को कर्मफल के प्रति उदासीन कर दिया है। आधुनिकता का अभिप्राय अपनी जड़ों, अपने संस्कारों को छोड़ना नहीं है। यदि बालकों को पुर्नजन्म की अवधारणा समझाई जाए, तो वे गलत मार्ग पर नहीं जाएगे। आचार्य अंशुल शर्मा ने स्वस्ति वाचन किया। इस दौरान डा.दीपिका उपाध्याय, डा. पीके गुप्ता, डा.अजय गुप्ता, प्रदीप लवानिया, अभिनव रघुवंशी, पं रवि उपाध्याय, केके भगत मौजूद रहे। आज धार्मिकता के अभाव ने ही मनुष्य को कर्मफल के प्रति उदासीन कर दिया है। आधुनिकता का अभिप्राय अपनी जड़ों, अपने संस्कारों को छोड़ना नहीं है। यदि बालकों को पुर्नजन्म की अवधारणा समझाई जाए, तो वे गलत मार्ग पर नहीं जाएगे। आचार्य अंशुल शर्मा ने स्वस्ति वाचन किया। इस दौरान डा.दीपिका उपाध्याय, डा. पीके गुप्ता, डा.अजय गुप्ता, प्रदीप लवानिया, अभिनव रघुवंशी, पं रवि उपाध्याय, केके भगत मौजूद रहे।