Agra News: आगरा से बांग्लादेश भेजा जा रहा हजाराें पेटी कफ सीरप, नशे के लिए हो रहा इस्तेमाल
दवा बाजार में कफ सीरप की शार्टेज बांग्लादेश पहुंचाए जा रहीं हजारों पेटी। कफ सीरप सहित नशीली दवाओं के अवैध कारोबार की जांच में जुटी औषधि विभाग की टीम। खरीदने वाले और बेचने वाले दवा कारोबार अलग अलग तैयार की जा रही सूची।
आगरा, जागरण संवाददाता। सूखी खांसी में इस्तेमाल होने वाला कफ सीरप फेंसीड्रिल बाजार में शार्ट है। थोक की दुकान और मेडिकल स्टोर पर कफ सीरप नहीं मिलता है। मगर, ताजनगरी से हजारों कफ सीरप सहित नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं बांग्लादेश सहित 11 राज्यों में सप्लाई की जा रही है। गिरोह ने चेन बना रखी है, इसकी जांच में औषधि विभाग की टीम जुटी हुई है।
गोरखपुर औषधि विभाग की टीम ने छह अगस्त को कफ सीरप सहित नशीली दवाओं का जखीरा जब्त किया था। इन्हें बांग्लादेश भेजा जा रहा था। टीम की पूछताछ में सामने आया कि ट्रक में सीरप सहित नशीली दवाएं गोविंद इन्क्लेव चाणक्यपुरी निवासी अमित गोयल उर्फ मोटा उर्फ तिलकधारी और उसके भाई अनुज गोयल ने नुनिहाई से लदवाई थी। जांच में सामने आया है कि इन दोनों के नाम से थोक दवा और मेडिकल स्टोर का लाइसेंस नहीं है। इस तरह का काम कई और भी कर रहे हैं। इसके लिए ताजनगरी को ट्रांजिट प्वाइंट बना लिया है।
सहायक औषधि आयुक्त एके जैन ने बताया कि चार पांच थोक दवा कारोबारी ही फेंसीड्रिल सीरप कंपनी से मंगाते हैं। मगर, बाजार में यह सीरप बिकता नहीं है, मेडिकल स्टोर पर भी सीरप दिखाई नहीं देता है। सीरप की एमआरपी 146 रुपये है, यह बांग्लादेश सहित अन्य राज्यों में नशे के लिए 1200 से 1500 रुपये तक में बिकता है।
एक गिरोह सक्रिय है, यह गिरोह कंपनी से सीरप खरीदता है। इसे बाजार में नहीं बेचा जाता है। रास्ते में ही सीरप दूसरे ट्रक में अनलोड करा दिए जाते हैं। कंपनी से जिस थोक दवा कारोबारी ने सीरप खरीदा है वह रिकार्ड में जिस कारोबारी को सीरप भेजता है उसे सप्लाई नहीं करता है। सीरप कहीं और भेज दिए जाते हैं। इसी तरह से अन्य राज्यों से भी सीरप मंगाए जाते हैं। इस पूरी चेन को पकड़ने में टीम लगी हुई है।
जय श्री राम फार्मा की चल रही जांच
औषधि विभाग की टीम ने राज्य कर कार्यालय, जयपुर हाउस में खड़े ट्रक से से जय श्री राम फार्मा द्वारा भेजे जा रहे कफ सीरप पकड़े थे। इन्हें दोबारा गोदाम में ले जाने के लिए कहा था।
ट्रांसपोर्ट कंपनी का भी हिस्सा
नशीली दवाएं ट्रांसपोर्ट कंपनी के माध्यम से सप्लाई की जा रही हैं। इसमें ट्रांसपोर्ट कंपनी वालों की भी मिलीभगत है। टीम इसकी भी जांच कर रही है। कोरोना काल में सिकंदरा क्षेत्र से एक ट्रक में कफ सीरप लादे गए थे लेकिन वे किसके द्वारा भेजे जा रहे थे यह अभी तक नहीं पता चला है।