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Agra News: आंबेडकर यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की बदल दी गई थीं कापियां, पड़ताल में सामने आया चौंका देने वाला सच

Agra News जनवरी में आंबेडकर विश्वविद्यालय ने भेजी थीं एसएन मेडिकल कॉलेज शिक्षकों ने जांचने से कर दिया था इन्कार। एक जैसी थी हस्तलेखन की शैली बदले गए थे शिक्षकों के हस्ताक्षर। विश्वविद्यालय की मिलीभगत का पर्दाफाश न हो इसलिए दूसरी जगह से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करा दी गई।

By Prabhjot KaurEdited By: Prateek GuptaPublished: Sat, 01 Oct 2022 10:06 AM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 10:06 AM (IST)
Agra News: आंबेडकर यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की बदल दी गई थीं कापियां, पड़ताल में सामने आया चौंका देने वाला सच
Agra News: आंबेडकर विवि आगरा में एमबीबीएस की कॉपियाें में गड़बड़ की गयी थी।

आगरा, प्रभजोत कौर। आगरा के डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित एमबीबीएस परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के साक्ष्य सामने आए हैं। एसएन मेडिकल कालेज में उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच के दौरान कुछ परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं में पूरी तरह समान उत्तर पाए गए थे। मूल्यांकनकर्ताओं ने जांच में यह पकड़ लिया। इसकी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को दी गई, जिसने मामले की जांच के बाद पर्दा डाल दिया। मामले में विश्वविद्यालय की मिलीभगत का पर्दाफाश न हो, इसलिए दूसरी जगह से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करा दी गई। इससे पहले यहां बीएएमएस की कॉपियां बदले जाने का मामला भी पकड़ा जा चुका है।

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मूल्यांकनकर्ताओं को हुआ था शक

विश्वविद्यालय ने नौ सितंबर-21 को एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की पूरक (सप्लीमेंट्री) परीक्षा कराई थी। जनवरी-22 में एसएन मेडिकल कालेज में उत्तर पुस्तिकाएं पुनर्मूल्यांकन के लिए भेजीं। वहां उत्तरपुस्तिकाओं के पेज देखने पर मूल्यांकनकर्ताओें को गड़बड़ी का संदेह हुआ।

मिलान में हस्तलेखन की शैली समान थी, कुछ उत्तर पुस्तिकाओं में तो वाक्य भी हूबहू थे। वाक्यों में फुल स्टाप (पूर्ण विराम) से लेकर कौमा का अंदाज तक एक जैसा ही था। डायग्राम (चित्र) में लेबलिंग भी समान थी। चार कापियों में शुरुआती जांचकर्ता ने चार अंक दिए थे, जबकि उत्तर पुस्तिका में लिखे जवाब काफी स्पष्ट और पूरे थे।

इस तरह पकड़ी गड़बड़ी

शिक्षकों ने मेडिकल कालेज के परीक्षा नियंत्रक डा. रेनू अग्रवाल को पूरी जानकारी दी। मामला संज्ञान में आने पर प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने इसकी शिकायत विश्वविद्यालय के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव से की। परीक्षा नियंत्रक ने मामले पर विचार के लिए एक समिति बना बैठक की। इसमें मेडिकल कालेज के शिक्षकों के साथ विवि अधिकारी भी थे।

इस बैठक में असली उत्तरपुस्तिकाओं से मिलाया तो, फर्जीवाड़़ा स्पष्ट हो गया। एमबीबीएस में पुनर्मूल्यांकन में विवि असली कापी नहीं भेजकर रंगीन फोटोस्टेट दी जाती हैं। उसके आधार पर कई शिक्षकों ने शिकायत दर्ज कराई कि उत्तरपुस्तिकाओं में उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं।

जिस तरह अंग्रेजी में वो अक्षर लिखते हैं या अंक लिखते हैं, उनमें अंतर है। कुछ उत्तर पुस्तिकाओं के अनुक्रमांक और अन्य विवरण वाले पन्ने पर एफएच और केडी लिखा था। विवि ने बाद में दोबारा कहीं जांच कराकर सभी परीक्षार्थी उत्तीर्ण कर दिए।

मुझे इस सबकी जानकारी नहीं है। आप मेडिकल कालेज की परीक्षा नियंत्रक डा. रेनू अग्रवाल से बात करें।

डा. प्रशांत गुप्ता, प्राचार्य, एस.एन. मेडिकल कालेज, आगरा

मुझे याद नहीं है कि जनवरी में किस सत्र की और किस कालेज की उत्तरपुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए आईं थीं, क्योंकि मेडिकल कालेज में उत्तरपुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए आती रहती हैं। लेकिन, अगर कोई शिक्षक शिकायत दर्ज कराता है, तो हम लिखित में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक और कुलपति को जानकारी दे देते हैं।

डा. रेनू अग्रवाल, परीक्षा नियंत्रक, एस.एन. मेडिकल कालेज

सुलगते सवाल

- संदिग्ध कापियों की उचित एजेंसी से जांच क्यों नहीं कराई।

- पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी?

- उत्तरपुस्तिकाओं का अन्यत्र मूल्यांकन क्यों कराया? 


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