Agra News: आवारा कुत्ताें ने नोंच डाली आगरा में 10 साल की बच्ची, इन क्षेत्राें में सबसे ज्यादा हैं खूंखार
Agra News आगरा में कुत्तों की नसबंदी कराने में नगर निगम प्रशासन फेल। दो साल में महज 441 कुत्तों की हुई नसबंदी 900 रुपये प्रति कुत्ता हुआ भुगतान। बैठकों में कुत्तों की नसबंदी के नाम पर हुई रस्म अदायगी।
आगरा, जागरण संवाददाता। 10 साल की मासूम बच्ची पर आवारा कुत्ताें ने हमला बोला और शरीर पर 26 घाव कर दिए। इस घटना ने हर शहरवासी को झकझोर दिया है। दरअसल जिला अस्पताल में कुत्तों के काटने के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। अधिक लोगों के पहुंचने के चलते कई बार एंटी रैबीज इंजेक्शन तक खत्म हो जाता है लेकिन नगर निगम प्रशासन आवारा कुत्तों की नसबंदी में फेल है।
निजी संस्था द्वारा दो साल में महज 441 कुत्तों की नसबंदी की गई है। नसबंदी के बाद उन्हें संबंधित क्षेत्र में छोड़ा गया है। वहीं बैठकों में कुत्तों की नसबंदी के नाम पर रस्म अदायगी की गई है। अधिकारियों ने भी इसे अधिक महत्व नहीं दिया है।
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नगर निगम के सौ वार्डों में 55 हजार आवारा कुत्ते हैं। नगर निगम प्रशासन ने पांच साल में आवारा कुत्तों को लेकर अलग से कोई सर्वे नहीं कराया है। निगम प्रशासन और पीपुल फार एनीमल (पीएफए) संस्था के मध्य अनुबंध है। इसके तहत एक आवारा कुत्ते की नसबंदी पर 900 रुपये का भुगतान किया जाता है। निगम के आंकड़ों के अनुसार बीस नवंबर 2020 से 17 फरवरी 2022 तक 441 कुत्तों की नसबंदी की गई।
संस्था को 3.96 लाख रुपये का भुगतान किया गया। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. अजय यादव ने बताया कि जिस क्षेत्र से कुत्ते पकड़े जाते हैं। वहीं पर छोड़ा जाता है।
जल्द व्यवस्था में होगा बदलाव
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, नगर निगम डा. अजय यादव ने बताया कि वर्तमान में सौ वार्डों में आवारा कुत्तों के नसबंदी का अनुबंध पीएफए के साथ है। जल्द ही हरीपर्वत, छत्ता, ताजगंज और लोहामंडी जोन में एक-एक संस्था को यह जिम्मा दिया जाएगा। इसका टेंडर हो गया है। अनुबंध दो साल के लिए होगा। रेट में बदलाव हो सकता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जोन में हर दिन 20 से 30 कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य रखा जाएगा। अभी तक यह लक्ष्य तय नहीं है।
एक भी कुत्ते का नहीं है पंजीकरण
नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक भी पालतू कुत्ते का पंजीकरण नहीं है। तीन साल में एक भी आवेदन तक नहीं आया है। दो माह पूर्व नगर निगम से नियमावली पास हुई थी। जिसके तहत देसी कुत्ते के पंजीकरण का शुल्क 500 और विदेशी नस्ल का एक हजार रुपये तय किया गया था। बिल्लियों का भी पंजीकरण शुल्क इतना ही है।
कुत्तों की नसबंदी की रफ्तार धीमी
मेयर नवीन जैन का कहना है कि कुत्तों की नसबंदी की रफ्तार धीमी है। संबंधित संस्था से इसे लेकर जवाब तलब किया जाएगा।
कमला नगर और बोदला में हैं सबसे अधिक खूंखार कुत्ते
सोमवार को कुत्तों द्वारा एक बच्ची पर किए गए हमले के बाद लोग आवारा कुत्तों से डर रहे हैं। जिला अस्पताल में हर रोज 450 से 500 लोग कुत्ता काटे के टीके लगवाने पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन लोगों से जुटाए डाटा के आधार पर 10 से 12 क्षेत्रों को चिन्हित किया है, जहां के कुत्ते ज्यादा खूंखार हो रहे हैं। प्रमुख अधीक्षक डा. अशोक अग्रवाल ने बताया कि पिछले छह महीने से जिला अस्पताल में कुत्ता और बंदर काटे के मरीजों में लगातार वृद्धि हो रही है।
अप्रैल मध्य तक जहां एक दिन में लगभग 260 मरीज जिला अस्पताल में टीका लगवाने पहुंच रहे थे, वो संख्या अब 450 से 500 के बीच में पहुंच गई है। मई में ही जिला अस्पताल पहुंचे अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कुत्ते काटे के इंजेक्शन के लिए लगी लाइन देखकर आदेश दिए थे कि इन मरीजों से उन इलाकों की जानकारी लें, जहां उन्हें कुत्तों ने काटा है। एक डाटा तैयार करें। डाटा तैयार होने के बाद नगर निगम की मदद से उन इलाकों से कुत्तों को हटवाया जाएगा। इस निर्देश के बाद जिला अस्पताल में यह डाटा बनना शुरू हो गया है।
इन क्षेत्रों के कुत्ते हैं खूंखार
बोदला, शाहगंज, जगदीशपुरा, बुंदू कटरा, मधुनगर, अबु उल्लाह दरगाह से सुल्तानगंज की पुलिया के बीच में सर्विस रोड पर, बल्केश्वर, ट्रांस यमुना कालोनी, कमलानगर में ब्लाक बी, एफ और जी।