Agra Fire News: बच्चों को बचाने में पिता ने गवाईं जान, कमरे में सोते राह गए थे बच्चे
Agra Fire News पिता गोपीचंद के शोर मचाने पर सकुशल बाहर आ गए थे अस्पताल संचालक। पुत्र ऋषि और पुत्री सिमरन को बचाने दोबारा गए थे अंदर। बुधवार तड़के लगी है आगरा के नरीपुरा स्थित मधुराज अस्पताल में आग।
आगरा, जागरण संवाददाता। अस्पताल संचालक राजन ने दोनों बच्चों को बचाने में अपनी जान गवां दी। वह अग्निकांड की घटना के बाद सकुशल बाहर निकल कर आ गए थे। मगर, दोनों बच्चों सिमरन और ऋषि के कमरे में अंदर रहने का पता चला तो दोबारा भाग कर चले गए। जिसके बाद वह बाहर नहीं आ सके।
अस्पताल संचालक के पिता गोपीचंद ने बताया कि उन्हें शटर उठने की आवाज़ सी लगी थी। जिसके बाद वह और नाती आर्यन उर्फ लवी बाहर निकलकर आये। उन्होंने प्रथम तल पर स्थित दुकान में बनी एसी की डक्ट से आग निकलते देख कर शोर मचाना शुरू कर दिया। जिस पर राजन और उनकी पत्नी राजरानी बाहर निकल आईं। इस बीच राजन ने देखा कि दोनों बच्चे ऋषि और सिमरन अंदर कमरे में सोते रह गए हैं। वह दोनों को बाहर निकालने के लिए अंदर गए थे। काफी देर तक बाहर नहीं आये तो पिता गोपीचंद छत के रास्ते से अंदर गए। वहां राजन फर्श पर और दोनों बच्चे बेड पर बेहोशी की हालत में पड़े मिले।
नर्स स्नेहा ने बचाई मरीज़ो की जान
नर्स स्नेहा की ड्यूटी नाईट शिफ्ट में थी। उन्होंने अस्पताल में भर्ती चार मरीज़ो की ड्रिप निकाली। उन्हें लोगों की मदद से तत्काल बाहर सुरक्षित निकालने में अहम भूमिका निभाई।
फोरेंसिक टीम ने एकत्रित किये साक्ष्य
अस्पताल में आग लगने की घटना के मामले में फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। उसने आग लगने की घटना की तह तक पहुंचने के लिए करीब 45 तक घटनास्थल से साक्ष्यों को एकत्रित किया।
बीटेक की छात्रा थी सिमरन
अस्पताल में लगी आग के धुएं में दम मृत अस्पताल संचालक की पुत्री सिमरन उर्फ शालू बीटेक की छात्रा थी। जबकि पुत्र ऋषि नवीं का छात्र था। तीसरा पुत्र आर्यन उर्फ लवी नीट की परीक्षा पास कर चुका है।