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Agra News: श्रीकृष्ण विग्रह वाद में भारत सरकार बनेगी प्रतिवादी, 10 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

Agra News - आगरा में श्रीकृष्ण विग्रह वाद में कोर्ट ने भारत सरकार को प्रतिवादी बनाया। जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर के विग्रह दबाए जाने का आरोप है। जामा मस्जिद प्रबन्ध समिति ने आपत्ति दाखिल की। मामले में अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी। वादी का दावा है कि मासिर-ए-आलमगीरी पुस्तक में इसकी पुष्टि होती है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 30 Sep 2024 07:21 PM (IST)
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सुनवाई की अगली तिथि 10 अक्टूबर नियत की गई।

जागरण संवाददाता, आगरा। योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के श्रीकृष्ण विग्रह वाद में सोमवार को हुई सुनवाई में लघु वाद न्यायालय ने भारत सरकार को प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया। सुनवाई की अगली तिथि 10 अक्टूबर नियत की गई।

वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि श्रीकृष्ण विग्रह वाद में जामा मस्जिद की सीढ़ियों के वैज्ञानिक सर्वे पर सुनवाई हुई। विपक्षी जामा मस्जिद प्रबन्ध समिति ने आज अपनी आपत्ति दाखिल की। 

जामा मस्जिद ने मासिर-ए-आलमगीरी पुस्तक का अनुवाद दाखिल किया। इसमें यह लिखा है कि ‘इस बुतखाने के तमाम खुर्द व एतनाम अकबर आबा में लाये गए और नवाब कुदसिया बेगम साहिब की तामीर कर्दा मस्जिद के जीनों के नीचे दफन कर दिए गए। 

वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि यह साबित होता है कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर के प्रभु श्रीकृष्ण के प्राण प्रतिष्ठित विग्रहों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया गया है। 

आगरा का उस समय नाम अकबराबाद था और जहांआरा को बेगम साहिब कहते थे। जहांआरा ने जामा मस्जिद का निर्माण करवाया, जिसे पहले बेगम साहिब की मस्जिद या कुदसिया बेगम साहिब की मस्जिद कहते थे।

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