मां के आंचल से हटेगी नवजात के पैर की स्याही
आगरा: सुर्ख लाल चेहरा, नन्हे हाथ, बाएं पैर के तलवे पर स्याही का निशान। यह उस नवजात की पहचान है।
आगरा: सुर्ख लाल चेहरा, नन्हे हाथ, बाएं पैर के तलवे पर स्याही का निशान। यह उस नवजात की पहचान है, जिसे एक मां ने जन्म देने के बाद सड़क पर फेंक दिया था। एसएन के नवजात सघन चिकित्सा कक्ष (एनआइसीयू) में भर्ती नवजात के इलाज में जूनियर डॉक्टर जुटे हैं। पुलिस तीमारदारी कर रही है। शनिवार को नवजात को गोद लेने के लिए तमाम दंपती पहुंचे। अब मां के आंचल से ही नवजात के पैर की स्याही हट सकेगी।
गुरुवार सुबह लोहामंडी क्षेत्र में सड़क पर काले रंग की पॉलीथिन के अंदर नवजात पड़ा था। उसके आसपास कुत्ते घूम रहे थे। नवजात को एसएन के बाल रोग विभाग के एनआइसीयू में भर्ती करा दिया गया। सात महीने की गर्भावस्था पर प्रसव होने से वह कमजोर है। एसएन के एनआइसीयू में भर्ती नवजात की पहचान उसके मां के नाम से होती है, इस नवजात का नाम बेड नंबर 14 ( रेडियेंट वार्मर, नंबर 14 पर नवजात भर्ती है ) है। नजर न लग जाए, इसके लिए माथे पर काला टीका लगाया जाता है, यहां पहचान के लिए बाएं पैर के तलवे पर स्याही का निशान लगा दिया है। जूनियर डॉक्टर नली से दूध दे रहे हैं। यहां दिन में ताजगंज निवासी होमगार्ड गुड्डी ड्यूटी पर थीं, उनकी शादी को 17 साल हो चुके हैं। बच्चा नहीं हैं,नवजात को देख उनकी भी आंखें भर आई, कहने लगी मैं ही इसकी मां बन जाती हूं। इसे पहचान मिल जाएगी और पैर की स्याही हट जाएगी। यहां आने वाला हर कोई यही पूछता है बच्चा कहां है। गेट से ही समझा कर वापस कर दिया जाता है कि गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में थाने और कलक्ट्रेट से पता करें। कुछ दंपती जिद पर अड़ गए, एक झलक दिखला दें उन्हें एनआइसीयू में नहीं जाने दिया। एनआइसीयू इंचार्ज डॉ. नीरज यादव के मुताबिक तबीयत में सुधार हो रहा है। फीडिंग भी शुरू करा दी है।