कागजी फॉगिंग से कैसे मरेंगे मच्छर
आगरा : नगर निगम फॉगिंग के नाम पर खेल कर रहा है। कागजों में फॉगिंग की जा रही है। गुरुवार दोपहर पार्षदों ने कागजी फागिंग का विरोध किया।
आगरा : नगर निगम फॉगिंग के नाम पर खेल कर रहा है। कागजों में फॉगिंग की जा रही है। गुरुवार दोपहर पार्षदों ने कागजी फॉगिंग का विरोध किया। अफसरों के आवास पर हर दिन फॉगिंग होने का आरोप लगाया।
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है कि नियमित अंतराल में हर क्षेत्र में फॉगिंग हो। वर्ष 2016 में दस लाख और 2017 में 14 लाख रुपये से फॉगिंग हुई थी। इस साल 15 लाख रुपये का बजट रखा गया है। नियम के अनुसार जिस क्षेत्र में फॉगिंग होनी है। वहां का चार्ट जारी किया जाता है और पार्षद को इसकी जानकारी दी जाती है, जिससे उस क्षेत्र के लोगों को इसकी जानकारी हो सके, लेकिन स्वास्थ्य विभाग रोस्टर का पालन नहीं कर रहा है।
यूं किया जाता है खेल : स्वास्थ्य विभाग के पास फॉगिंग की आठ मशीनें और 15 कर्मचारी हैं। नियम के अनुसार फॉगिंग के बाद पार्षद व कुछ क्षेत्रीय लोगों के रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराने चाहिए, लेकिन इसके उलट कर्मचारी खुद ही हस्ताक्षर कर देते हैं। मशीन के साथ खुद की फोटो खींचकर निगम के अफसरों को वाट्सएप कर दिया जाता है।
- फॉगिंग न होने की शिकायतें मिलीं हैं। मामले की जांच कराई जाएगी और संबंधित क्षेत्रों में फॉगिंग कराई जाएगी।
नवीन जैन, मेयर
- कचहरी घाट सहित अन्य क्षेत्रों में लंबे समय से फॉगिंग नहीं हुई है। मच्छरों का जबरदस्त प्रकोप है।
राकेश जैन, पार्षद वार्ड 79 - फॉगिंग न होने की क्षेत्रीय जनता परेशान है। नगर निगम द्वारा ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
संजय राय, पार्षद वार्ड 94 - पिछले छह माह से अधिकांश क्षेत्रों में फॉगिंग नहीं हुई है। फॉगिंग कराने की कई बार मांग की जा चुकी है।
राहुल चौधरी, पार्षद वार्ड 41 - लोहामंडी व उसके आसपास के क्षेत्रों में सही तरीके से फॉगिंग नहीं हो रही है। मच्छरों की मार से लोग परेशान हैं।
प्रियंका प्रजापति, पार्षद 86