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अब एसी में रिजर्वेशन करके सफर करते बदमाश

आगरा: ट्रेनों में अपराध बढ़ रहे हैं और अपराधी राज्य बदलने से निरंकुश होकर बच जाते हैं। ऐसे अपराधियों

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 02:11 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 02:11 PM (IST)
अब एसी में रिजर्वेशन करके सफर करते बदमाश
अब एसी में रिजर्वेशन करके सफर करते बदमाश

आगरा: ट्रेनों में अपराध बढ़ रहे हैं और अपराधी राज्य बदलने से निरंकुश होकर बच जाते हैं। ऐसे अपराधियों पर लगाम कसने के लिए छह राज्यों के राजकीय रेलवे पुलिस अधिकारियों के साथ अपर पुलिस महानिदेशक बीके मौर्या ने सर्किट हाउस में बैठक की। उन्होंने ट्रेनों में अपराध के बदलते ट्रेंड पर मंथन किया और इस पर नकेल कसने के लिए खुद को बदलने और हाईटेक होकर लगाम लगाने की अधिकारियों को नसीहत दी।

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एडीजी ने दूसरे राज्यों के क्राइम के तरीकों पर सुझाव और अपराधियों पर तत्काल कार्रवाई के लिए हर थाने में आपसी समन्वय रखने की बात कही। साथ ही क्राइम सूचना में देरी न होने, दूसरे राज्यों से होने वाले तालमेल में लगने वाले समय को घटाने और पड़ताल में सहयोग के बिंदुओं पर सहमति बनाई। एडीजी मौर्या ने मीडिया को बताया कि अपराधी अब जनरल बोगी और स्लीपर से आगे बढ़ गए हैं। वे एसी बोगियों में यात्रियों के साथ रिजर्वेशन कराकर सफर करते हैं और उन्हें निशाना बनाते हैं। साथ बैठे यात्री उन पर संदेह नहीं कर पाते हैं और आसानी से शिकार बन जाते हैं। ये एक ही बोगी में अलग-अलग सीटें रिजर्व कराते हैं। आपस में बात भी नहीं करते, जिससे किसी को संदेह हो। ऐसे अपराधियों से यात्रियों को सचेत करने के साथ ही विभाग को भी जागरूक रहने की जरूरत है। पिछले दिनों मध्यप्रदेश सहित दूसरे स्थानों पर भी ऐसे शातिर गैंग पकड़े गए, जिन्होंने सौ और उससे भी अधिक रिजर्वेशन कराकर यात्रियों को निशाना बनाया था। स्टेशनों पर अपराध में संलिप्त पाए जाने वाले अनाधिकृत वेंडरों पर नकेल के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये डिमांड और सप्लाई की समस्या है। स्टेशनों पर वेंडरों की जो आवश्यकता है, उससे एक चौथाई उपलब्धता नहीं है। इस कारण अनाधिकृत वेंडरों को मौका मिल रहा है। इसके लिए हमारे डीजी की ओर से चेयरमैन रेलवे बोर्ड को भी पत्र लिखा जा चुका है। इसके साथ ही जीआरपी भी नकेल कस रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जीआरपी में स्वीकृत स्टाफ तो पूरा है लेकिन अभी 30 फीसद की और आवश्यकता है। ट्रेनों में पर्याप्त स्क्वॉयड की व्यवस्था नहीं है। 40 फीसद ट्रेनें बिना स्क्वॉयड के चल रही हैं। बैठक में इलाहाबाद रेलवे के पुलिस महानिरीक्षक बीआर मीणा, उत्तराखंड से पुलिस अधीक्षक रोशनलाल शर्मा, मध्यप्रदेश के ग्वालियर से पुलिस उपाधीक्षक टीएन भदौरिया, राजस्थान के अजमेर से अपर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार चौधरी, हरियाणा से निरीक्षक सीआइए जयभगवान, दिल्ली के पुलिस उपायुक्त रेलवे परवेज अहमद व अन्य ने भाग लिया। -----

वॉट्स एप नंबर पर आ रही हैं गैर जरूरी शिकायतें

जीआरपी द्वारा पिछले दिनों जारी किए गए वॉट्स एप नंबर पर शिकायतों का त्वरित निस्तारण नहीं होने के सवाल पर एडीजी रेलवे ने कहा कि हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाता है। लोग जीआरपी के नंबर को मुख्यमंत्री का नंबर समझने लगे हैं, इस कारण उस पर दूसरे तरह की शिकायतों का भी अंबार लग जाता है। इस समस्या से बचने के लिए हम नंबर बदलने की योजना बना रहे हैं।

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दूसरे डॉग स्क्वॉयड से लेते हैं मदद

एडीजी रेलवे ने बताया कि जीआरपी के पास घटनाओं की जानकारी के लिए डॉग स्क्वॉयड की उपलब्धता अभी नहीं है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अभी जिले और आरपीएफ के डॉग स्क्वॉयड से सहयोग लिया जाता है।

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बाल अपराधों पर लगाएंगे अंकुश

रेलवे स्टेशनों पर घूमने वाले बाल अपराधियों को रोकने के लिए नशा मुक्ति ड्राइव चलाई जा रही है। इसके साथ ही इन बच्चों के स्किल डेवलपमेंट के लिए लखनऊ में नेशनल स्किल डेवलपमेंट सेंटर जीआरपी द्वारा खोला जा रहा है। जल्दी दूसरे स्थानों पर भी ऐसे सेंटर खोले जाएंगे और बाल अपराधों में लिप्त बच्चों को रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।


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